RBIDATA: नजदीकी बैंक की तलाश हो या अर्थव्यवस्था के आंकड़े, RBI App पर मिलेगा पूरा डाटा, घटेंगे फ्रॉड
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार 18 फरवरी, 2025 को एक नया मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया है. इस एप्लीकेशन की मदद से आम लोग तमाम बैंकों की शाखाओं के पते और भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े आधिकारिक आंकड़े देख पाएंगे.
RBI ने नया मोबाइल एप्लीकेशन RBIDATA लॉन्च किया है. मंगलवार 18 फरवरी, 2025 को लॉन्च किए गए इस एप्लीकेशन के बारे में एक वक्तव्य जारी कर RBI ने बताया कि इसके जरिये आम लोगों को बैंकों की शाखओं के आधिकारिक पते मिल पाएंगे. इसके साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े तमाम आंकड़े मिल जाएंगे. इसके अलावा इंटरनेट पर बैंकों के पते तलाशने पर जो फ्रॉड होते हैं उनमें भी कमी आएगी.
RBI ने अपने स्टेटमेंट में बताया कि RBIDATA App पर भारतीय अर्थव्यवस्था के आंकड़ों को यूजर फ्रैंडली और आकर्षक तरीके से पेश किया गया है. इस App के जरिये यूजर को अलग-अलग तरह का डाटा चार्ट और ग्राफ के तौर पर मिलेगा, जिससे आंकड़ों को समझना आसान होगा.
RBI ने इस एप्लीकेशन को जारी करते हुए बताया कि इसका मकसद भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े अहम आंकड़ों को सरल और आकर्षक तरीके से आम लोगों के लिए उपलब्ध कराना है. इसके जरिये यूजर्स भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े 11,000 से ज्यादा सीरीज के आर्थिक आंकड़े देख पाएंगे.
एंड्रॉइड-आईओएस दोनों पर मिलेगा
RBI ने इस App के बारे में जानकारी देने के लिए जारी किए वक्तव्य में बताया है कि इस App का एक अहम फीचर बैंकिंग आउटलेट सेक्शन है. इसके जरिये यूजर को उनके स्थान के 20 किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध बैंकों को खोजने में मदद मिलेगी. यह एप्लीकेशन एंड्रॉयड (वर्जन 12 और उससे ऊपर) और Apple iOS दोनों यूजर्स के लिए उपलब्ध होगी. आधिकारिक बयान के मुताबिक एप्लीकेशन लोगों के लिए कार्यक्षमता में सुधार करने के लिए यूजर्स से फीडबैक भी एकत्र करेगा.
सार्क देशों का डाटा भी मिलेगा
RBI के मुताबिक इस App में ‘सार्क फाइनेंस’ का ऑप्शन भी दिया गया है. इसके जरिये दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन यानी (सार्क) देशों की अर्थव्यवस्था व वित्तीय स्थिति से जुड़े आंकड़े भी मिलेंगे. RBI का कहना है कि यह यह App भारतीय अर्थव्यवस्था का व्यापक दृष्टिकोण पेश करता है. भारतीय रिजर्व बैंक ने यह भी बताया कि इस App के जरिये भारतीय अर्थव्यवस्था डाटाबेस (DBIE) पोर्टल तक भी पहुंच आसान होगी. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े तमाम आंकड़ों की तलाश आसान हो जाएगी.