सरकार ने रिलायंस पर ठोका जुर्माना, बैटरी प्लांट डेडलाइन मिस करने पर कार्रवाई

सरकार ने देश की सबसे प्रमुख कंपनियों में से एक रिलायंस के खिलाफ कड़ा फैसला लिया है. सरकार ने यह फैसला कंपनी के द्वारा बैटरी प्लांट डेडलाइन मिस करने के वजह से लिया गया है. आर्टिकल में पढ़ें पूरी खबर.

रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी Image Credit: PTI

Reliance Faces Penalty: सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की एक इकाई पर बैटरी सेल निर्माण संयंत्र की समय सीमा चूकने के कारण जुर्माना लगाया है. इस परियोजना के लिए कंपनी को प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत समर्थन मिला था लेकिन सरकार की तय शर्तों के मुताबिक पहला लक्ष्य समय पर पूरा नहीं किया जा सका. रिलायंस न्यू एनर्जी बैटरी स्टोरेज लिमिटेड (RNEBSL) ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि उसे 3 मार्च 2025 को भारी उद्योग मंत्रालय (Ministry of Heavy Industries) से एक पत्र मिला, जिसमें 1 जनवरी 2025 से प्रत्येक दिन की देरी पर 0.1 फीसदी जुर्माने का प्रावधान रखा गया है. अब तक इस देरी पर 3.1 करोड़ रुपये का जुर्माना लग चुका है.

हालांकि, कंपनी ने इस देरी के वजहों का खुलासा नहीं किया है लेकिन उसने सरकार से समय सीमा बढ़ाने की अपील की है.

PLI योजना के तहत बड़ा निवेश

रिलायंस ने 2022 में 10 गीगावाट-घंटे (GWh) की बैटरी उत्पादन क्षमता विकसित करने के लिए सरकार से 400 मिलियन डॉलर (लगभग 3,300 करोड़ रुपये) की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव सहायता मिली थी. इस योजना के तहत, कुल 30 GWh की एडवांस कैमेस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें रिलायंस, राजेश एक्सपोर्ट्स और ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड जैसी कंपनियों को प्रोत्साहन दिया गया था.

PLI के नियमों के अनुसार, कंपनियों को पहले दो वर्षों में 25% स्थानीय मूल्य संवर्धन और पांच वर्षों में 50% स्थानीय उत्पादन का लक्ष्य पूरा करना था.

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गुजरात में गीगाफैक्टरी से बड़े प्लान

रिलायंस ने पहले यह संकेत दिया था कि 2026 की दूसरी छमाही में गुजरात के जामनगर में बैटरी गीगाफैक्टरी का संचालन शुरू होगा. शुरुआत में यह प्लाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के लिए असेंबली का काम करेगा जो यूटिलिटी-स्केल, रेजिडेंशियल, कमर्शियल और मोबिलिटी मार्केट्स के लिए बैटरियों की आपूर्ति करेगा.

इसके बाद, संयंत्र सेल निर्माण और बैटरी केमिकल प्रोडक्शन की दिशा में आगे बढ़ेगा जिससे रिलायंस को भारत में उन्नत ऊर्जा समाधान क्षेत्र में अग्रणी भूमिका मिलेगी. कंपनी का लक्ष्य 30 GWh वार्षिक बैटरी उत्पादन क्षमता हासिल करना है.