अनिल अंबानी को तगड़ा झटका, Reliance Infrastructure को मिले नोटिस, फोकस में रखें शेयर

एक्सिस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को नोटिस मिले हैं. पूरा मामला महाराष्ट्र में एनएच-44 के पुणे-सतारा खंड पर पीएसटीआर की टोल परियोजना से संबंधित हैं. वहीं, रिलायंस इंफ्रा ने कहा है कि वह इस मामले में कानूनी सलाह लेगी.

अनिल अंबानी की कंपनी अब लेगी कानूनी सलाह. Image Credit: @PTI

नए साल के आगम से पहले ही अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ा झटका लगा है. उसे देश के दो प्रमुख बैंकों से नोटिस मिले हैं. कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पीएस टोल रोड प्राइवेट लिमिटेड (PSTR) को एक्सिस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से नोटिस मिले हैं. ये नोटिस महाराष्ट्र में एनएच-44 के पुणे-सतारा खंड पर पीएसटीआर की टोल परियोजना से संबंधित हैं.

कंपनी ने एक बयान में कहा है कि नोटिस में एनएच-44 के पुणे-सतारा खंड को छह लेन का बनाने के लिए रियायत समझौते के तहत बदलाव के अधिकार का इस्तेमाल करने का उल्लेख है. हालांकि, दोनों बैंकों ने PSTR पर कथित DSRA डिफॉल्ट्स का हवाला देते हुए ये नोटिस जारी किए हैं. दरअसल, बदलाव का अधिकार’ बैंकों को प्रोजेक्ट का नियंत्रण लेने की अनुमति देता है. यदि भुगतान में चूक होती हैं, तो बैंक प्रोजेक्ट को अपने नियंत्रण में ले सकते हैं.

बैंक ने उठाए ये मुद्दे

रिलायंस इंफ्रा के अनुसार, एक्सिस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने DSRA को लेकर मुद्दें उठाए हैं, जो एक खाता है जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कंपनी अपने ऋण दायित्वों को पूरा कर सके. यदि पीएसटीआर इस खाते को बनाए रखने में असमर्थ है, तो बैंक अपने हितों की रक्षा के लिए कदम उठा सकते हैं, जिससे प्रोजेक्ट के मैनेजमेंट या नियंत्रण में बदलाव हो सकता है.

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कानूनी सलाह लेगी कंपनी

रिलायंस इंफ्रा ने कहा कि उसकी यूनिट इस मामले में कानूनी सलाह लेगी. साथ ही अपने हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाएगी. उसने कहा है कि कंपनी पर वित्तीय प्रभाव का अभी पता नहीं लगाया जा सकता है और यह अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगा. वहीं, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का शेयर शुक्रवार यानी 27 दिसंबर को 1.21 फीसदी गिरावट के साथ 298.50 रुपये पर बंद हुआ. हालांकि, एक साल के अंदर इसके शेयर में करीब 56.45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

3 साल के लिए प्रतिबंध

वहीं, बीते महीने खबर सामने आई थी कि रिलायंस पावर और उसकी सब्सिडियरी कंपनियों पर सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने 3 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. ये कंपनियां अगले तीन साल तक सोलर एनर्जी से जुड़े किसी प्रोजेक्ट्स के लिए बोली नहीं लगा पाएंगी. साथ ही ये कंपनियां किसी तरह के टेंडर में हिस्सा भी नहीं ले सकेंगी.

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