RBI ने बजाज ऑटो पर 2.2 करोड़ रुपये का लगाया जुर्माना , जानिए क्या है मामला
बजाज ऑटो ने विदेश में निवेश (ODI) और भारत में विदेशी निवेश (FDI) को मिलाने का एक तरीका अपनाया, लेकिन यह तरीका FEMA प्रावधान के नियम 5(1) का उल्लंघन करता था. कंपनी को 12 अप्रैल 2024 को आरबीआई से पता चला कि उसने नियमों का उल्लंघन किया है.
बजाज ऑटो लिमिटेड को बड़ा झटका लगा है. बजाज ऑटो लिमिटेड ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के उल्लंघन के लिए 2.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा कि आरबीआई ने 19 नवंबर 2024 को 2,20,00,000 रुपये का जुर्माना लगाया है और इसे आदेश की तारीख से 15 दिनों के भीतर जमा करने का निर्देश दिया गया है.
मामला क्या है?
बजाज ऑटो लिमिटेड ने अपनी सहायक कंपनी बजाज ऑटो इंटरनेशनल होल्डिंग्स बी.वी., नीदरलैंड के माध्यम से नवंबर 2007 में KTM ए.जी., ऑस्ट्रिया में 47.99% हिस्सेदारी का निवेश किया था. साल 2012 में, KTM ए.जी. ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी KTM Immobilien GmbH, ऑस्ट्रिया के जरिए KTM स्पोर्ट्स मोटरसाइकिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में 100% निवेश किया. इससे बजाज ऑटो लिमिटेड की एक स्टेप-डाउन सहायक कंपनी बन गई और अनजाने में एक ODI-FDI स्ट्रक्चर का निर्माण हो गया.
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क्यों लगा जुर्माना?
बजाज ऑटो ने विदेश में निवेश (ODI) और भारत में विदेशी निवेश (FDI) को मिलाने का एक तरीका अपनाया, लेकिन यह तरीका FEMA प्रावधान के नियम 5(1) का उल्लंघन करता था. कंपनी को 12 अप्रैल 2024 को आरबीआई से पता चला कि उसने नियमों का उल्लंघन किया है. इसके परिणामस्वरूप, आरबीआई ने 2 करोड़ 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. हालांकि, जुर्माना भरने के साथ ही यह मामला समाप्त हो जाएगा.
क्या है फेमा
भारत के किसी खाते में विदेश से जो पैसा आता है उसे इनवार्ड रेमिटेंस कहते हैं. इस तरह के पैसे के लेनदेन के लिए भारत में एक खास प्रावधान बना है जिसे फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट या फेमा कहते हैं. फेमा का नियम कहता है कि अगर विदेश से पैसा भारत में किसी के रोजमर्रा के खर्च के लिए आता है तो उस पर टैक्स का कोई नियम नहीं बनता है.