गांव में रहने वालों के लिए राहत, कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए महंगाई में आई गिरावट
गांवों में रहने वाले लोगों के लिए एक नई खबर सामने आई है, जिससे उनकी जेब पर असर पड़ सकता है. सरकार ने हाल ही में कुछ अहम आंकड़े जारी किए हैं, जो आम आदमी के लिए राहतभरी खबर हो सकती है.
Retail Inflation For Rural and Farm Worker: खुदरा महंगाई से जूझ रहे ग्रामीण भारत के लिए एक राहत की खबर आई है. सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए महंगाई दर थोड़ी कम हुई है. दिसंबर 2024 में जहां यह दर क्रमशः 5.01 प्रतिशत और 5.05 प्रतिशत थी, वहीं जनवरी में यह घटकर 4.61 प्रतिशत और 4.73 प्रतिशत रह गई. श्रम मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, ऑल-इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर एग्रीकल्चर लेबरर्स (CPI-AL) जनवरी में 4 अंक गिरकर 1,316 पर आ गया, जबकि ग्रामीण मजदूरों के लिए यह सूचकांक (CPI-RL) 3 अंक कम होकर 1,328 पर पहुंच गया. दिसंबर 2024 में ये सूचकांक कृषि का महंगाई आंकड़ा 1,320 और ग्रामीण1,331 अंकों पर थे.
पिछले साल जनवरी 2024 की तुलना में भी महंगाई में काफी गिरावट आई है. तब CPI-AL और CPI-RL क्रमशः 7.52 प्रतिशत और 7.37 प्रतिशत की दर पर थे, जबकि इस साल जनवरी में यह घटकर 4.61 प्रतिशत और 4.73 प्रतिशत रह गया.
खाद्य वस्तुओं की महंगाई में भी आई कमी
खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई कमी का असर भी इन आंकड़ों में साफ दिख रहा है. जनवरी 2025 में कृषि मजदूरों के लिए खाद्य मूल्य सूचकांक 1,255 पर आ गया, जो दिसंबर में 1,262 था. इसी तरह, ग्रामीण मजदूरों के लिए खाद्य मूल्य सूचकांक दिसंबर के 1,269 से घटकर जनवरी में 1,261 हो गया.
हालांकि कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए महंगाई दर में यह गिरावट राहत की खबर है, लेकिन ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं. क्योंकि भारत की महंगाई दर अभी भी 4 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है, जो रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डालती है.