10 गीगावाट एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बनाने के लिए रिलायंस को ठेका, PLI में मिलेंगे 3,620 करोड़ रुपये

रिलायंस को मिली 3,620 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि पहले हासिल की गई 5 गीगावाट घंटा क्षमता के लिए दी गई है. नई 10 गीगावाट की क्षमता के साथ आरआईएल की कुल एसीसी उत्पादन क्षमता 15 गीगावाट हो जाएगी.

रिलायंस के अलावा पांच कंपनियों को वेटिंग में रखा गया है. Image Credit: Just_Super/E+/Getty Images

केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने रिलायंस इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को अपनी पीएलआई योजना के तहत 10 गीगावाट पर आवर के एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज प्लांट बनाने का ठेका दिया है. बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए मंत्रालय ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को क्यूसीबीएस प्रणाली पर आधारित उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 10 गीगावाट एसीसी क्षमता स्थापित करने के लिए चुना गया है. यह पहल घरेलू विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने, आयात निर्भरता को कम करने और भारत को एसीसी बैटरी विनिर्माण में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल करने की दिशा में अहम साबित होगा.

मंत्रालय ने बताया कि निविदा प्रक्रिया में एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, अमारा राजा एडवांस्ड सेल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, अन्वी पावर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी लिमिटेड, लुकास टीवीएस लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और वारी एनर्जीज लिमिटेड से बोलियों मिलीं. इनमें से 6 कंपनियों को वित्तीय मूल्यांकन के लिए चुना गया। इनमें से रिलायंस का चयन अंतिम मूल्यांकन गुणवत्ता और लागत आधारित चयन (क्यूसीबीएस) प्रणाली के मुताबिक किया गया है.

मंत्रालय ने बताया कि 10 गीगावाट पीएलआई एसीसी का ठेका रिलायंस इंडस्ट्रीज को दिए जाने के अलावा पांच शॉर्टलिस्टेड बोलीदाताओं को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है. इपमें एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड प्रतीक्षा सूची में पहले नंबर है. दूसरे नंबर पर अमारा राजा एडवांस्ड सेल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड है. इसके बाद वारी एनर्जीज लिमिटेड फिर जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी लिमिटेड और आखिर में लुकास टीवीएस लिमिटेड शामिल है.

मई 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18,100 करोड़ रुपये के बजट के साथ 50 जीडब्ल्यूएच की विनिर्माण क्षमता हासिल करने के लिए एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत प्रौद्योगिकी ऐग्नास्टिक पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी. इसके तहत तीन कंपनियों को कुल 30 गीगावाट घंटे (जीडब्ल्यूएच) की क्षमता स्थापित करने का काम दिया गया है.