डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर रुपया, इस वजह से आई बड़ी गिरावट
शुक्रवार यानी आज भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया.रुपया डॉलर के मुकाबले 83.9900 पर आ गया.
हाल ही में तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी और स्टॉक मार्केट से फॉरेन करेंसी की निकासी की चिंताओं का असर भारतीय रुपये पर पड़ा है. शुक्रवार यानी आज भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया.रुपया डॉलर के मुकाबले 83.9900 पर आ गया. रुपया डॉलर के मुकाबले 83.9900 पर आ गया, जो पिछले सत्र में 83.9675 था. रुपया 12 सितंबर को 83.9850 के पिछले ऑलटाइम निचले स्तर को भी से भी नीचे चला गया.
मिडिल ईस्ट में संघर्ष की चिंताओं के बीच तेल की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं और अक्टूबर में अब तक 10 फीसदी से अधिक बढ़ गई हैं. ब्रेट क्रूड ऑयल की कीमतें गुरुवार को 3.5 फीसदी से अधिक बढ़ गईं.
तेल का आयात
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर है और वित्त वर्ष 2023-24 में 139 बिलियन डॉलर मूल्य का कच्चा तेल आयात किया गया. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 27 सितंबर तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.9 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था.
पिछले दो महीनों में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बार-बार हस्तक्षेप किए जाने से रुपया 84 प्रति डॉलर के महत्वपूर्ण स्तर से ऊपर बना रहा. RBI ने सोमवार को अनौपचारिक रूप से बैंकों को रुपये के खिलाफ भारी दांव लगाने से बचने का निर्देश दिया.
सीपीआई डेटा अनुमान से अधिक
यूएस सीपीआई डेटा अनुमान से अधिक आया, जिससे विदेशी मुद्रा व्यापारियों के सेंटीमेंट पर असर पड़ा. सीपीआई 2.3 फीसदी की अपेक्षा के मुकाबले 2.4 फीसदी रहा. हालांकि, सितंबर 2021 के बाद से डेटा सबसे कम था, जिसने यूएस यील्ड और डॉलर इंडेक्स को स्थिर रखा. इस बीच पूरी संभावना है कि नवंबर में पॉलिसी दर में फेड 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती नहीं करेगा.