ट्रंप के ऑटो टैरिफ ऐलान से लुढ़का रुपया, 5 पैसे टूटकर 85.74 प्रति डॉलर पर आया
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गुरुवार को कमजोरी का रुख रहा. इससे पहले बुधवार को रुपया मजबूती के साथ बंद हुआ था, जबकि मंगलवार को गिरावट आई थी. वहीं, उससे पहले रुपये में लगातार नौ दिन तक तेजी का रुख रहा था, जिससे रुपये इस साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा.

इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट गुरुवार 27 मार्च को रुपया 5 पैसे टूटकर 85.74 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. आयातकों की तरफ से महीने के अंत में डॉलर मांग बढ़ने और और प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में सुधार आने की वजह से रुपये पर दबाव पड़ा. इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से आयातित वाहनों पर 25 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा के बाद अमेरिकी डॉलर में और ज्यादा मजबूती आई है. आयातित वाहनों पर यह शुल्क दो अप्रैल से लागू होगा.
रुपये पर बढ़ रहा दबाव
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि रुपये को, नकदी की कमी, जवाबी शुल्क लागू होने की चिंताओं और आयातकों की ओर से महीने के अंत डॉलर मांग के बढ़ने की वजह से रुपये पर नए सिरे से दबाव बढ़ रहा है. हालांकि, विदेशी निवेशकों की तरफ से कैपिटल इनफ्लो की वजह से निचले स्तर पर रुपये को समर्थन मिला है. इससे गिरावट एक सीमा में बनी हुई है.
कैसा रहा आज रुपये का कारोबार?
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया डॉलर के मुकाबले 85.90 पर खुला. दिन में इसमें 85.73 प्रति डॉलर के इंट्रा डे हाई और 85.93 प्रति डॉलर के इंट्रा डे लो के बाद आखिर में 85.74 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले दिन के भाव से पांच पैसे की गिरावट दिखाता है. इससे पहले रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तीन पैसे की तेजी के साथ 85.69 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
क्या है एक्सपर्ट की राय
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी का कहना है कि आयातकों और ऑयल मार्केटिंग कंपनीज की तरफ से महीने के अंत में डॉलर मांग के बढ़ने से रुपये में मामूली गिरावट हुई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और डॉलर में उछाल से भी रुपये पर दबाव पड़ सकता है. हालांकि, मजबूत घरेलू बाजार और एफआईआई निवेश से निचले स्तर पर रुपये को सहारा मिलता रह सकता है.
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