INR vs USD: 32 पैसे टूटा रुपया, 26 महीने में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट

सोमवार को वैश्विक व्यापार युद्ध और आर्थिक मंदी के डर के बीच रुपया 32 पैसे गिरकर 85.76 पर आ गया. रुपये में यह एक दिन के भीतर पिछले 26 महीने में आई सबसे बड़ी गिरावट है. सोमवार को आई गिरावट से रुपया इस साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया है.

डॉलर बनाम रुपया Image Credit: freepik

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और डॉलर इंडेक्स में नरमी के बाद भी सोमवार को डॉलर की तुलना में रुपये में बड़ी गिरावट आई है. रुपये में एक दिन में 26 महीने में आई सबसे बड़ी गिरावट के साथ 1 डॉलर की कीमत बढ़कर 85.76 रुपये हो गई. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी और घरेलू इक्विटी निवेशकों की तरफ से की गई भारी बिकवाली के चलते रुपये में गिरावट आई है. माना जा रहा है कि निवेशक 9 अप्रैल को RBI की मौद्रिक नीति समिति यानी MPC की बैठक पर नजरें बनाए हुए हैं.

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट और कमजोर अमेरिकी मुद्रा के बावजूद घरेलू मुद्रा में गिरावट को रोकने में सफलता नहीं मिली, क्योंकि विदेशी और घरेलू इक्विटी निवेशकों द्वारा निकासी की होड़ मची है. कारोबारियों का कहना है कि अमेरिकी प्रशासन की तरफ से कई देशों पर व्यापक टैरिफ लगाने और अमेरिकी आयातों पर चीन के जवाबी कदम के बाद निवेशकों के बीच जोखिम से बचने के प्रयासों तहत वैश्विक स्तर पर करेंसी एक्सचेंज मार्केट में अस्थिरता देखी गई है.

जल्द होगी MPC की बैठक

घरेलू आर्थिक मोर्चे पर बाजार सहभागियों की निगाहें रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक पर है. इस बैठक में रेपो रेट पर फैसले की उम्मीद की जा रही है. खासतौर पर अमेरिकी टैरिफ की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है.

कैसा रहा रुपये का कारोबार?

इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज पर सोमवार को रुपया 85.79 पर खुला और दिन के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.57 के इंट्रा डे हाई और 85.90 के इंट्रा डे लो के बीच उतार-चढ़ाव करता रहा. दिन के आखिर में डॉलर के मुकाबले रुपया 32 पैसे टूटकर 85.76 के स्तर पर बंद हुआ. इससे पहले शुक्रवार को रुपये 14 पैसे की कमजोरी के साथ 85.44 के स्तर पर बंद हुआ था. जबकि, इससे पहले गुरुवार को टैरिफ ऐलान के ठीक एक दिन बाद रुपये में 22 पैसे की मजबूती आई थी.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी का कहना है कि कमजोर वैश्विक बाजारों और टैरिफ वॉर की वजह से उपजी अनिश्चितता के कारण रुपये में नकारात्मक रुझान के साथ कारोबार हुआ है. चौधरी ने कहा कि एफआईआई की तरफ से बिकवाली का दबाव भी घरेलू मुद्रा पर दबाव डाल रहा है. हालांकि, कच्चे तेल की कमजोर कीमतों से निचले स्तर पर रुपये को समर्थन मिलने की उम्मीद है.