डॉलर का गुरूर तोड़ने चले रुपये पर भारी पड़ा आयातकों का दबाव, 9 दिन से जारी मजबूती का रुख टूटा

भारतीय रुपये में पिछले 9 दिन से जारी मजबूती का रुख मंगलवार को टूट गया. 9 दिन में रुपया इस साल अब तक यानी ईयर टू डेट के लिहाज से सोमवार को सबसे मजबूत स्थिति में 85.49 के शीर्ष पर पहुंच गया. लेकिन, मंगलवार को आयातकों के दबाव में 0.14 फीसदी गिरावट के साथ 85.75 के स्तर पर बंद हुआ.

डॉलर की तुलना में रुपये में गिरावट Image Credit: @Tv9

भारतीय रुपया यानी INR 7 फरवरी को डॉलर यानी USD की तुलना में 88.10 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया. हालांकि, इसके बाद लगातार सुधार हुआ है. पिछले 9 दिन में ही रुपये में डॉलर की तुलना में अच्छी खासी मजबूती आई है, जिससे रुपये इस साल के अब तक शीर्ष पर पहुंच गया है. हालांकि, मंगलवार को आयातकों के दबाव में रुपये डॉलर की तुलना में हल्की कमजोरी के साथ बंद हुआ है.

क्यों आई गिरावट?

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को भारतीय रुपया नौ दिनों से जारी बढ़त के सिलसिले को तोड़ते हुए गिरावट के साथ बंद हुआ, क्योंकि आयातकों ने अनुकूल स्तरों पर देनदारियों की हेजिंग के लिए कदम उठाया है. आयातकों की हेजिंग की वजह से डॉलर का इनफ्लो धीमा हुआ, जिससे एशियाई मुद्राओं के साथ-साथ भारतीय रुपये में भी गिरावट आई है.

क्यों मजबूत हुआ रुपया?

रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 0.14% की गिरावट के साथ 85.7550 पर बंद हुआ. इससे पहले सोमवार को ईयर टू डेट यानी YTD के लिहाज से 85.49 के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया था और अब तक महीने में करीब 2% की बढ़त दर्ज कर चुका है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से बीच-बीच में होने वाले निवेश तथा 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष से पहले कॉरपोरेट डॉलर आधारित आय की स्वदेश वापसी से इस महीने रुपये को अपने एशियाई समकक्षों से आगे निकलने में मदद मिली है.

MUFG ने न्यूट्रल किया व्यू

7 फरवरी को लगातार रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने के बाद हाल ही में हुई बढ़त स्थानीय मुद्रा के लिए राहत भरी खबर है. जापानी निवेश बैंक एमयूएफजी ने रुपये के बारे में अपने व्यू को कॉशियस से बदलकर न्यूट्रल कर दिया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस साल के अंत तक रुपया 87.50 के स्तर पर बना रहेगा.

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