Ola, Uber, रैपिडो जैसा सहकार टैक्सी ऐप ला रही सरकार, ड्राइवर्स की बढ़ेगी कमाई, ग्राहकों का कम होगा खर्च!

Sahkar Taxi: सरकार ओला-उबर जैसी एप्स के विकल्प के तौर पर जल्द ही 'सहकार टैक्सी' नाम से एक कोऑपरेटिव आधारित राइड सर्विस शुरू करने जा रही है, जिसका सीधा फायदा ड्राइवर्स को मिलेगा. इस सहकार टैक्सी एप की वजह से ड्राइवर की कमाई बढ़ेगी और ग्राहकों की खर्च भी कम हो सकता है.

ओला उबर जैसी सहकार टैक्सी एप Image Credit: Money9live/Canva

Sahkar Taxi: Amazon-Flipkart के विकल्प के तौर पर ONDC लॉन्च होने के बाद सरकार पर Ola-Uber जेसी ऐप पर काम करने वाली है. संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार जल्द ही ‘सहकार टैक्सी’ नाम से एक कोऑपरेटिव आधारित राइड सर्विस शुरू करने जा रही है, जिसका सीधा फायदा ड्राइवर्स को मिलेगा. Ola-Uber अपने ड्राइवर से कमीशन चार्ज करते हैं लेकिन सहकार टैक्सी ऐप पर ऐसा कोई चार्ज नहीं होगा. इसी वजह से ड्राइवर्स को उनकी पूरी कमाई मिलेगी. इस योजना के तहत टैक्सी, टू-व्हीलर्स, रिक्शा और फोर-व्हीलर्स को सहकारी समितियों में रजिस्टर किया जा सकेगा. कोई कमीशन नहीं लगने से राइड की कीमत भी कम हो सकती है.

ओला-उबर की कीमतों का विवाद

इस घोषणा के बीच, सरकार ओला और उबर जैसी बड़ी राइड-हेलिंग कंपनियों की सेवाओं पर भी नजर रख रही है. हाल ही में इन कंपनियों पर यह आरोप लगा था कि वे अलग-अलग ग्राहकों से फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम (iPhone या Android) के आधार पर अलग-अलग किराया वसूल रही हैं.

इस मामले को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने ओला और उबर को नोटिस जारी किया था.

  • ओला ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका किराया सभी ग्राहकों के लिए समान है और यह किसी भी प्लेटफॉर्म या फोन के आधार पर तय नहीं होता.
  • उबर ने भी स्पष्ट किया कि वे राइडर के फोन के ब्रांड के हिसाब से किराया तय नहीं करते हैं और वे CCPA के साथ मिलकर किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए तैयार हैं.

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सरकार ग्राहकों के हित में उठाएगी कदम

उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसी भेदभावपूर्ण कीमतें ‘अनुचित व्यापारिक प्रथा’ के अंतर्गत आती हैं. उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकार अन्य क्षेत्रों में भी इस तरह की मूल्य निर्धारण रणनीतियों की जांच करेगी, जिसमें फूड डिलीवरी और ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं, ताकि ग्राहकों का शोषण न हो.