NSE ट्रेडिंग एक्सेस पॉइंट मामले का 643 करोड़ में होगा निपटारा, सेबी ने दी मंजूरी, जानें कौन चुकाएगा ये रकम

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई को पोर्टल के ट्रेडिंग एक्सेस पॉइंट के दुरुपयोग के मामले को सेबी ने 643 करोड़ रुपये में निपटाने को मंजूरी दी है. इस मामले में एनएसई के सात अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था. जानते हैं यह रकम कौन किसे चुकाएगा.

सेबी ने एनएसई को यह रकम चुकाने का आदेश दिया है. Image Credit: GettyImages

बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व प्रबंध निदेशक विक्रम लिमये और 8 लोगों के खिलाफ जारी एक मामले का 643 करोड़ में निपटारा करने की मंजूरी दी है. यह मामला ट्रेडिंग एक्सेस पॉइंट (टीएपी) के दुरुपयोग से जुड़ा है. टीएपी मामले में सेबी ने फरवरी 2023 में एक्सचेंज को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. सेबी को पता चला था कि कई ब्रोकरों ने टीपीए के जरिये सिस्टम में गड़बड़ी पैदा कर लाभ उठाया है. इसके साथ ही एनएसई पर आरोप लगाया गया कि एक्सचेंज ने ब्रोकरों को रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाए.

असल में टीएपी एनएसई में कारोबार के लिए इस्तेमाल होने वाला एक सॉफ्टवेयर है. स्टॉक ब्रोकरों की तरफ से इसके जरिये ट्रेडिंग सिस्टम के साथ कम्युनिकेशन किया जाता है. यानी मोटे तौर पर शेयर खरीदने और बेचने के ऑर्डर इसी सॉफ्टवेयर के जरिये प्लेस होते हैं. इस सॉफ्टवेयर को 2008 में शुरू किया गया था. एनएसई ने टीएपी की शुरुआत ब्रोकर की तरफ से स्टॉक एक्सचेंज को भेजे जाने वाले ऑर्डर की संख्या पर नजर रखने के लिए की थी, ताकि वह उनसे लेनदेन शुल्क वसूल सके. टीएपी कई सर्वरों से स्टॉक एक्सचेंज को ऑर्डर भेजता है.

इस बीच 2013 में सेबी को दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि हाई फ्रिक्वेंसी ट्रेडर टीएपी सॉफ्टवेयर में हेरफेर करते हैं और लेनदेन शुल्क को के बिना ही ऑर्डर प्लेस कर देते हैं. सेबी इस मामले की जांच करता रहा और 2016 में टीएपी के विकल्प के तौर पर डायरेक्ट कनेक्ट नाम से एक नई सेवा पेश की थी. इक्विटी सेगमेंट में कारोबार के लिए डायरेक्ट कनेक्ट का इस्तेमाल सितंबर 2019 तक जारी रहा.

सेबी ने 2017 में जब तत्कालीन एनएसई प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण से जुड़े कोलोकेशन घोटाले की जांच शुरू की, तो टीएपी के दुरुपयोग के बारे में पता चला. यह घोटाला तब सामने आया जब तीन व्हिसलब्लोअर ने कुछ ब्रोकर्स को तरजीही पहुंच के देने के बारे में शिकायत की, जिसके चलते अन्य ब्रोकर्स को नुकसान हो रहा था. एक्सचेंज ने शुरू में 2023 में सेबी के सामने मामले का निपटारा करने के लिए आवेदन पेश किया. इसके बाद अगस्त 2024 में नया आवेदन सौंपा. सेबी ने इस आवेदन पर गौर करते हुए अपने निपटान आदेश में कहा कि एनएसई इस मामले में सेबी को 643 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी.