सेबी की बैठक आज, माधबी पुरी पर हिंडनबर्ग और कांग्रेस के आरोपों की हो सकती है चर्चा

सेबी के बोर्ड में आठ सदस्य होते हैं, जिनमें माधबी पुरी बुच, सेबी के चार पूर्णकालिक सदस्य और वित्त मंत्रालय, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक के तीन पार्ट टाइम नॉमिनी शामिल हैं.

सेबी की बैठक आज, माधबी पुरी पर हिंडनबर्ग और कांग्रेस के आरोपों की हो सकती है चर्चा Image Credit: Ashish Vaishnav/SOPA Images/LightRocket via Getty Images

शेयर मार्केट रेगुलेटर सिक्यॉरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) सोमवार, 30 सितंबर को एक महत्वपूर्ण बोर्ड बैठक आयोजित करने जा रही है. जब से अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग और भारतीय कांग्रेस ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप लगाए हैं उसके बाद सेबी पहली बार बैठक करने जा रहा है.

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, बोर्ड इन आरोपों और सेबी के कर्मचारियों की शिकायतों के मामले पर संज्ञान लेने की संभावना है. हालांकि ये सब बैठक के आधिकारिक एजेंडे में शामिल नहीं हैं, लेकिन इन पर अनौपचारिक रूप से चर्चा की जा सकती है.

ईटी के अनुसार, मामले की जानकारी रखने वाले लोगों में से एक ने कहा, “पिछली बोर्ड बैठक और सोमवार की बैठक के बीच, संस्थान, उसके बोर्ड के सदस्यों, प्रमुख, सभी से संबंधित किसी भी महत्वपूर्ण घटना पर बोर्ड को ध्यान देना होगा.”

सेबी कर्मचारियों, हिंडनबर्ग और कांग्रेस के गंभीर आरोप

सेबी कर्मचारियों के आरोप: इससे पहले सेबी की बैठक 27 जून को हुई थी. इसके बाद सेबी के कर्मचारियों ने वित्त मंत्रालय से अपनी शिकायत में कहा था कि संस्थान में काम करने लायक माहौल नहीं बचा, संस्थान का माहौल खराब है. कर्मचारियों की शिकायत को पहले सेबी ने नजरअंदाज कर दिया था लेकिन जब उन्होंने विरोध किया तो सेबी को इस पर ध्यान देना पड़ा.

हिंडनबर्ग के आरोप: इस बीच हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि बुच और उनके पति ने अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी द्वारा नियंत्रित ऑफशोर फंड में निवेश किया था, जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर फंड में हेरफेर करने और भारत में समूह की लिस्टेड कंपनी के स्टॉक की कीमतों को बढ़ाने के लिए किया गया था.

यह भी आरोप लगाया गया कि सेबी ने रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) से संबंधित नियमों में इस तरह से संशोधन किया था जिससे ब्लैकस्टोन को फायदा हुआ, जहां बुच के पति एक वरिष्ठ सलाहकार थे.

कांग्रेस के आरोप: सेबी से जुड़े होने के दौरान बुच ने ICICI बैंक समेत 3 जगहों से सैलरी लेती रहीं. माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक SEBI में पूर्णकालिक सदस्य थीं. इसके बाद 2 मार्च, 2022 को वह सेबी की चीफ बनीं. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि इस दौरान माधबी पुरी सेबी से भी सैलरी लेती रहीं और ICICI बैंक से भी.

माधबी पुरी ने आरोपों का खंडन किया लेकिन बोर्ड ने नहीं

बुच और सेबी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए बयान जारी किए हैं, लेकिन बोर्ड ने अभी तक अपनी राय नहीं दी है. बता दें कि इस बोर्ड में आठ सदस्य होते हैं, जिनमें बुच, सेबी के चार पूर्णकालिक सदस्य और वित्त मंत्रालय, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक के तीन पार्ट टाइम नॉमिनी शामिल हैं.