Sebi ने एक्सिस सिक्योरिटीज पर लगाया 10 लाख का जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला

एक्सिस सिक्योरिटीज लिमिटेड पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बड़ी कार्रवाई की है और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सेबी ने पाया कि एक्सिस सिक्योरिटीज ने नियमों का उल्लंघन किया है, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है. अब ब्रोकरेज फर्म को 45 दिनों के भीतर जुर्माने की राशि भरनी होगी.

सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया Image Credit: @Tv9

Axis Securities: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक्सिस सिक्योरिटीज लिमिटेड पर स्टॉकब्रोकर नियमों के उल्लंघन के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सेबी के आदेश के अनुसार, ब्रोकरेज फर्म को 45 दिनों के भीतर जुर्माना भरना होगा. सेबी के 82 पेजों के आदेश में एक्सिस सिक्योरिटीज की कई खामियों को उजागर किया गया है. नियामक संस्था ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कहा कि एक्सिस सिक्योरिटीज ने ग्राहकों के फंड और सिक्योरिटीज के रखरखाव में अनियमितताएं कीं है, जिससे नियामक दिशानिर्देशों का उल्लंघन हुआ है.

क्या हैं आरोप

सेबी की जांच में पाया गया कि एक्सिस सिक्योरिटीज ने अपने ग्राहकों के पैसे और प्रतिभूतियों को ठीक से अलग नहीं रखा, जिससे उनका दुरुपयोग हुआ. सेबी के नियमों के मुताबिक, किसी भी तरह के वित्तीय जोखिम को कम करने के लिए स्टॉकब्रोकर को ग्राहकों की संपत्तियों और खुद की संपत्तियों को अलग रखना होता है. ऐसे में एक्सिस सिक्योरिटीज ने इसका पालन नहीं किया, जिसकी वजह से उस पर जुर्माना लगाया गया है.

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सेबी का फैसला

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक्सिस सिक्योरिटीज लिमिटेड पर नियमों के उल्लंघन के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही, कंपनी को भविष्य में नियमों का पालन करने की हिदायत दी गई है. इसके अलावा, आगे इस तरह के उल्लंघन न हों, इसके लिए निगरानी जारी रखी जाएगी.

कब का है मामला

बाजार नियामक सेबी की यह कार्रवाई अप्रैल 2021 से नवंबर 2022 के बीच एक्सिस सिक्योरिटीज के निरीक्षण के बाद हुई. इसके बाद, सेबी ने जुर्माना लगाया है. इस बीच, सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने 21 फरवरी को कहा कि थीमैटिक म्यूचुअल फंड पर कोई सीमा लगाने का कारण नहीं है.

उन्होंने कहा कि इसके बजाय, इन फंड्स के बढ़ने के मूल कारण को समझना और उसे ठीक करना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि सामान्य म्यूचुअल फंड और नए फंड ऑफर (NFO) के बीच के अंतर को समझना आवश्यक है.