SEBI ने एक्सिस कैपिटल लिमिटेड की डेट मर्चेंट बैंकिग पर रोक लगाई, जानें क्या है मामला
बाजार नियामक सेबी ने एक्सिस कैपिटल लिमिटेड (एसीएल) की डेट मर्चेंट बैंकिंग सेवाओं पर रोक लगा दी है. जब तक मामले की पूरी जांच नहीं हो जाती है. एसीएल अब किसी भी कंपनी के लिए आईपीओ और एफपीओ जैसी सेवाएं नहीं दे पाएगी.
बाजार नियामक सेबी ने एक्सिस बैंक की सहायक कंपनी एक्सिस कैपिटल लिमिटेड (एसीएल) पर किसी भी नई कंपनी के लिए आईपीओ, एफपीओ या सिक्योरिटी बेचने से जुड़े मामलों को संभालने से प्रतिबंधित कर दिया है. सेबी ने गुरुवार को जारी आदेश में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि एसीएल ने सोजा इंफोटेल के नॉन कंवर्टिबल डिबेंचर्स की गारंटी दी. एक मर्चेंट बैंक के तौर पर एसीएल इसके लिए अधिकृत नहीं है. ऐसे में एसीएल की तरफ से सोजा इंफोटेल के लिए दी गई अंडरराइटिंग गारंटी पूरी तरह गैरकानूनी है. यह इससे शेयर बाजार की अखंडता और निवेशकों के साथ ही एक्सिस बैंक के लिए खतरा पैदा करने वाला कदम है.
सेबी ने इस मामले का संज्ञान एनालिस्ट हेमिंद्रा किशन हजारी की एक रिपोर्ट के आधार पर लिया. 16 जनवरी, 2024 को हजारी ने एक रिपोर्ट में सवाल उठाया कि एक्सिस कैपिटल लिमिटेड एक निवेश बैंक है या एक हेज फंड है?” इस रिपोर्ट में एसीएल के उच्च जोखिम वाले लेनदेन को उजागर किया गया. रिपोर्ट के आधार पर सेबी ने जब तथ्यों की जांच की, तो पाया कि सोजो इन्फोटेल प्राइवेट लिमिटेड के सूचीबद्ध नॉन कंवर्टिबल डिबेंचर्स के संबंध में एसीएल के लेन-देन सेबी अधिनियम, 1992 के प्रावधानों और सेबी मर्चेंट बैंकर्स विनियम, 1992 का उल्लंघन करते हैं. इसके अलावा सेबी ने एसीएल की तरफ से सोजो से वसूली गई फीस के लेनदेन और तरीके पर भी सवाल उठाए. सेबी के मुताबिक कंपनी की फीस को एकमुश्त अंडरराइटिंग फीस के बजाय चालू भुगतान के तौर पर दिखाया गया. इससे लगातार हाई रिस्क क्रेडिट सपोर्ट साफ दिखता है, जो कि नियमेां के खिलाफ है.
सेबी ने अपने आदेश में कहा, मर्चेंट बैंकर के तौर पर अंडरराइटिंग इश्यू के सब्सक्रिप्शन के समय दी जाती है, न कि उसके बाद लेकिन एसीएल ने सोजा और अन्य गैर-सूचीबद्ध नॉन कंवर्टिबल डिबेंचर्स को बाध्यकारी प्रतिबद्धता दी वह गारंटी की तरह थी. जबकि, एसीएल को इस तरह की गारंटी देने की अनुमति नहीं है. ऐसी गतिविधि वित्तीय प्रणाली के लिए जोखिम पैदा करती है. बाजार के व्यवस्थित कामकाज को बाधित कर सकती है. सोजा के लेन-देन में एसीएल की भूमिका इश्यू मैनेजमेंट का हिस्सा नहीं थी. सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि अंतरिम उपाय के तौर पर एसीएल को अगले आदेश तक डेट सेगमेंट में सिक्योरिटीज की बिक्री के लिए एक मर्चेंट बैंकर, अरेंजर या अंडरराइटर की क्षमता में काम करने से रोका जाता है.
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