अनिल अंबानी को बड़ा झटका, रिलायंस पावर और उसकी इन कंपनियों पर SECI ने लगाया 3 साल का बैन
रिलायंस पावर और उसकी सब्सिडियरी कंपनियों पर सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने 3 साल के लिए प्रतिंबंध लगा दिया है. ये कंपनियां अगले तीन साल तक सोलर एनर्जी से जुड़े किसी प्रोजेक्ट्स के लिए बोली नहीं लगा पाएंगी.
अनिल अंबानी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. रिलायंस पावर और उसकी सब्सिडियरी कंपनियों पर सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने 3 साल के लिए प्रतिंबंध लगा दिया है. ये कंपनियां अगले तीन साल तक सोलर एनर्जी से जुड़े किसी प्रोजेक्ट्स के लिए बोली नहीं लगा पाएंगी. साथ ही ये कंपनियां किसी तरह के टेंडर में हिस्सा भी नहीं ले सकेंगी.
क्यों लगा प्रतिबंध?
दरअसल सेकी ने अनिल अंबानी की रिलायंस पावर लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनियों पर फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के कारण ये प्रतिबंध लगाया है. सेकी ने गुरुवार, 7 नवंबर को एक बयान में कहा कि एक बोली के आखिरी राउंड में कंपनी ने फर्जी बैंक गारंटी दी थी, जिसको लेकर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्ट्री) की कंपनी सेकी ने उसपर बैन लगा दिया. इससे इतर रिलायंस की सब्सिडियरी कंपनी की ओर से जमा बोली को रद्द भी कर दिया गया है.
क्या है पूरा मामला?
सेकी ने जारी अपने बयान में बताया कि Reliance NU BESS Limited को पहले महाराष्ट्र एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था. उसने टेंडर के लिए बैंक गारंटी दी थी लेकिन जांच में पता चला कि रिलायंस ने जो गारंटी और दस्तावेज दिए थे वो सभी फर्जी हैं. दरअसल, सेकी ने जून में 1 गीगावाट सोलर पावर और 2 गीगावाट स्टैंडअलोन बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम के लिए अपने टेंडर प्रक्रिया के अंतर्गत बोलियां आमंत्रित की थी. फर्जी दस्तावेज की जानकारी ई-रिवर्स नीलामी के बाद पता चली इसीलिए सेकी को रिलायंस पावर को टेंडर प्रक्रिया को बाहर करना पड़ा. सेकी के अनुसार, बैन के बाद कंपनी आने वाले समय में किसी भी टेंडर के लिए बोली नहीं लगा सकती है. बोली लगाने वाली कंपनी रिलायंस पावर की सब्सिडियरी कंपनी है.
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कंपनी ने क्या कहा?
बिजनेस स्टैंडर्ड के एक रिपोर्ट के मुताबिक, Reliance NU BESS ने फर्जी बैंक गारंटी के लिए किसी थर्ड पार्टी को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि सेकी की जांच में थर्ड पार्टी से जुड़े किसी भी बात का जिक्र नहीं है.