10वीं पास हैं तो गांव में ही शुरू करें ये बिजनेस, हो जाएंगे मालामाल; सरकार भी करेगी मदद

अगर आप युवा हैं और सरकारी योजना के तहत इस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको 10वीं पास होना अनिवार्य है. साथ ही आपकी उम्र 18 साल से 40 साल के बीच होनी चाहिए. इसके अलावा लाभार्थी के पास एग्री क्लीनिक के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए.

इस बिजनेस में है बंपर कमाई. (सांकेतिक फोटो) Image Credit: tv9

आमतौर पर लोगों को लगता है कि गांव में बिजनेस का कोई स्कोप नहीं है. यहां पर केवल और केवल खेती-किसानी ही की जा सकती है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. आप गांव में बिजनेस शुरू कर बंपर कमाई कर सकते हैं. इसके लिए आपको केवल थोड़ी सी मेहनत करनी होगी. बड़ी बात यह है कि एक खास तरह के बिजनेस को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार भी आपको प्रोत्साहित करेगी. इसके लिए वह आपको सब्सिडी के रूप में लाखों रुपये देगी.

केंद्र सरकार गांवों में मिट्टी जांच केंद्र खोलने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित कर रही है. क्योंकि अभी देश के लाखों गांवों में मिट्टी जांच केंद्र नहीं हैं. ऐसे में किसानों को मिट्टी की जांच कराने के लिए शहर जाना पड़ता है. वहीं, कई किसान तो शहर जाने की परेशानी से बचने के लिए मिट्टी की जांच भी नहीं करवाते हैं. इससे फसल की पैदावार प्रभावित हो रही है. यही वजह है कि सरकार हर पंचायत में मिट्टी जांच केंद्र खोलने के लिए लोगों को सब्सिडी दे रही है. सरकार को उम्मीद है कि उसकी इस कोशिश से पढ़े-लिखे युवाओं को गांव में ही रोजगार मिल जाएगा. वे घर बैठे इस बिजनेस से मोटी कमाई कर सकेंगे, क्योंकि अभी मिट्टी जांच की फीस प्रति सैंपल 300 रुपये है.

क्या है इमूवेबल सॉयल टेस्टिंग लैबोरेट्री

दरअसल, केंद्र सरकार ने गांवों में मिट्टी जांच केंद्र की संख्या बढ़ाने के लिए ‘सॉइल हेल्थ कार्ड’ नाम से एक स्कीम शुरू की है. इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार पंचायत स्तर पर मिट्टी जांच केंद्र खोलने के लिए युवाओं को आर्थिक रूप से मदद कर रही है. अगर युवा पंचायत में मिट्टी जांच केंद्र खोलते हैं, तो आसपास के गांव के किसान मिट्टी की जांच करवाने के लिए आएंगे. इससे उन्हें घर बैठे अच्छी कमाई होगी. खास बात यह है कि मिट्टी जांच केंद्र भी दो तरह के हैं. पहले का नाम इमूवेबल सॉयल टेस्टिंग लैबोरेट्री है. इस तरह के लैब आप कमरे में ही खोल सकते हैं. यानी आप गांव में किराये पर कमरा लेकर इमूवेबल सॉयल टेस्टिंग लैबोरेट्री की शुरुआत कर सकते हैं.

दूसरे मिट्टी जांच केंद्र का नाम मोबाइल सॉयल टेस्टिंग लैबोरेट्री है. मोबाइल सॉयल टेस्टिंग लैबोरेट्री खोलने के लिए आपको एक गाड़ी खरीदनी होगी. यानी आप चलती-फिरती गाड़ी में मोबाइल सॉयल टेस्टिंग लैबोरेट्री खोल सकते हैं. इसके बाद आप गांव-गांव जाकर मिट्टी की जांच कर सकते हैं. इससे आपको अच्छी कमाई होगी.

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लाभार्थियों के लिए कुछ शर्तें

खास बात यह है कि अगर आप युवा हैंऔर सरकारी योजना के तहत मिट्टी जांच का केंद्र खोलना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको 10वीं पास होना अनिवार्य है. साथ ही आपकी उम्र 18 साल से 40 साल के बीच होनी चाहिए. इसके अलावा लाभार्थी के पास एग्री क्लीनिक और कृषि के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए. साथ ही आपको किसान परिवार से होना भी अनिवार्य है. यदि आप किसान परिवार से नहीं आते हैं, तो आपको योजना का लाभ नहीं मिलेगा. अगर आप चाहें, तो agricoop.nic.in वेबसाइट और soilhealth.dac.gov.in पर जाकर योजना से संबंधित डिटेल्स में जानकारी ले सकते हैं.

इतने लाख की मिलेगी सब्सिडी

कमरे में मिट्टी जांच केंद्र खोलने के लिए 5 लाख रुपये की जरूरत होती है. लेकिन सरकार की तरफ से आपको 75 फीसदी सब्सिडी मिलेगी. यानी सरकार आपको 3.75 लाख रुपये सब्सिडी के रूप में देगी. आपको अपने पास से केवल 1.25 लाख रुपये ही खर्च करने पड़ेंगे. बड़ी बात यह है कि मिट्टी जांच केंद्र खोलने के लिए खुद या किराए का पक्का मकान होना जरूरी है.

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