टीवी देखना हुआ महंगा, जानें कितने बढ़ गए रेट

फरवरी 2025 से टीवी चैनलों के टैरिफ 10% से ज्यादा बढ़ रहे हैं. सोनी पिक्चर्स, नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL)ने इस बढ़ेतरी का कारण कंटेंट लागत और घटती विज्ञापन आय को बताया है. टैरिफ बढ़ने से ओटीटी प्लेटफॉर्म्स (Netflix, Amazon Prime) और डीडी फ्री डिश की ओर ग्राहकों का रुझान बढ़ सकता है.

फरवरी 2025 से टीवी चैनलों के टैरिफ 10% से ज्यादा बढ़ रहे हैं. Image Credit:

देश में अगले महीने से टीवी देखना महंगा हो जाएगा, क्योंकि देश के प्रमुख टीवी ब्रॉडकास्टर्स जैसे सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) ने अपने चैनल पैकेज के दाम 10% से ज्यादा बढ़ाने का फैसला किया है. यह बढ़ोतरी 1 फरवरी 2025 से लागू होगी. कंपनियों ने बढ़ोतरी का बचाव करते हुए कहा है कि कंटेंट कास्ट में लगातार हो रही वृद्धि और विज्ञापन से होने वाली आय में कमी के चलते यह फैसला लिया गया है.

कितना बढ़ा टैरिफ?

सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI):

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL):

लगातार घट रहा सब्सक्राइबर बेस

देश में पेड टीवी सब्सक्राइबर बेस हाल के वर्षों में 120 मिलियन से घटकर 100 मिलियन से भी कम हो गया है. टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के मुताबिक, सितंबर 2024 तक डीटीएच ऑपरेटर्स (जैसे डिश टीवी, एयरटेल डिजिटल टीवी, टाटा प्ले और सन डायरेक्ट) के पेड एक्टिव सब्सक्राइबर 2.26 मिलियन घटकर 59.91 मिलियन रह गए हैं.

कीमत बढ़ाने का कारण

इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों का कहना है कि लगातार बढ़ती कंटेंट प्रोडक्शन कास्ट और घटती विज्ञापन आय के चलते टैरिफ बढ़ाना जरूरी हो गया है. ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि क्वालिटी बनाए रखने और ऑपरेशनल कास्ट पूरा करने के लिए यह कदम उठाया गया है.

ओटीटी और फ्री प्लेटफॉर्म्स की चुनौती

टीवी पैक के दाम बढ़ने पर एक्सपर्ट का मानना है कि इससे ग्राहकों का झुकाव ओटीटी प्लेटफॉर्म्स (जैसे Netflix, Amazon Prime, Disney+ Hotstar) की ओर और बढ़ सकता है. इसके अलावा, डीडी फ्री डिश जैसे फ्री विकल्प भी ग्राहकों के लिए एक सस्ता और अच्छा विकल्प बने हुए हैं.

पेड टीवी मार्केट घट सकता है

दाम बढ़ाने का उद्देश्य बढ़ती लागत को संभालना है, लेकिन इससे पारंपरिक पेड टीवी मार्केट के और सिकुड़ने का खतरा भी है. एक्सपर्ट का कहना है कि ब्रॉडकास्टर्स के लिए चुनौती यह है कि वे ग्राहकों को बेहतर कंटेंट प्रदान करे ताकि उन्हें ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर जाने से रोका जा सके.