स्टील के आयात पर इंपोर्ट ड्यूटी डबल करने की मांग, चीन की वजह से टेंशन में मंत्रालय

मंत्रालय ने इंटरनल एसेसमेंट का हवाला देते हुए, वित्त मंत्रालय से यूरोपीय संघ, अमेरिका और अन्य देशों में लागू सेफगार्ड की तरह ही भारत में भी इस तरह के उपाय लागू किए जाने की सिफारिश की.

बढ़ गया है स्टील का इंपोर्ट. Image Credit: Buena Vista Images/Stone/Getty Images

इस्पात मंत्रालय ने स्टील की इंपोर्ट ड्यूटी में 100 फीसदी की बढ़ोतरी की मांग की है. अगर यह बढ़ोतरी होती है, तो स्टील पर इंपोर्ट ड्यूटी मौजूदा 7.5 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी हो जाएगा. मंत्रालय ने माना कि चीन से स्टील के इंपोर्ट में इजाफा हुआ है. यह कुल स्टील इंपोर्ट का एक तिहाई (लगभग 33 फीसदी) है. मंत्रालय ने इंटरनल एसेसमेंट का हवाला देते हुए, वित्त मंत्रालय से यूरोपीय संघ, अमेरिका और अन्य देशों में लागू सेफगार्ड की तरह ही भारत में भी इस तरह के उपाय लागू किए जाने की सिफारिश की.

खराब हो रहा घरेलू बाजार का डायनामिक

यह पहली बार है जब इस्पात मंत्रालय चीन में तैयार स्टील के आयात में बढ़ोतरी की स्वीकार कर रहा है. इसे उद्योग अक्सर डंपिंग के रूप में देखता है और दावा करता है कि यह घरेलू बाजार के डायनामिक को खराब करता है. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​को 24 सितंबर को लिखे पत्र में केंद्रीय इस्पात सचिव संदीप पौंडरिक ने आयात में बढ़ोतरी के मुद्दे को हल करने के लिए हस्तक्षेप करने को कहा है. पत्र में उन्होंने आग्रह किया कि स्टील प्रोडक्ट पर बेसिक कस्टम ड्यूटी दोगुनी करके 15 फीसदी की जाए.

बढ़ गया व्यापार घाटा

वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत पहले से ही स्टील का नेट इंपोर्टर है. वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में यह स्थिति बनी हुई है, जिसमें व्यापार घाटा बढ़कर 14,911 करोड़ रुपये हो गया है. इस अवधि के दौरान, स्टील का आयात 3.72 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो 34 फीसदी अधिक है. इस्पात सचिव ने अपने पत्र में संभावित नुकसान को कम करने और निवेश इकोसिस्टम को रिवाइज करने की बात कही है, जिससे इस सेक्टर में लगातार ग्रोथ सुनिश्चित हो सके.

पत्र में उद्योग की एक और चिंता यह बताई गई कि तैयार स्टील के सस्ते आयात से भारतीय स्टील कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. निवेश सायकिल में व्यवधान के चलते लगभग 75,000 करोड़ रुपये का कैपिटल एक्सपेंडिचर खतरे में है.