ये है भारत का छुपा रुस्तम, Google, मोटोरोला, Xiaomi…सब इसके भरोसे, जानें कैसे बना सबकी जान

आईफोन और गूगल पिक्सल जैसे ग्लोबल ब्रांड्स के साथ साझेदारी की तैयारी में लगी Dixon Technologies भले ही सुर्खियों से दूर रही हो, लेकिन इसका तकनीकी कौशल और विस्तारशील विजन इसे भारत की आगे रहने वाली मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में शामिल करता है. जानेें आखिर क्या करती है कंपनी.

डिक्सन टेक्नोलॉजीज की कहानी Image Credit: @Money9live

Dixon Technologies Behind Story: एक ऐसा नाम है जो आमतौर पर सुर्खियों में नहीं दिखता. लेकिन भारत में इसके भरोसे दुनिया की कई दिग्गज कंपनियां हैं. इसकी अहमियत इतनी है कि iPhone जैसी ग्लोबल कंपनियां तक उससे साझेदारी तक करना चाहती हैं. गूगल, सैमसंग, शाओमी, मोटोरोला जैसी कंपनियों को भारत में सबसे बड़ा दोस्त यही नजर आता है. आपको भी पढ़कर यह उत्सकुता होगी कि आखिर में यह कंपनी कौन सी है और क्या करती है. और कैसे वह टेक्नोलॉजी की दुनिया में छुपा रुस्तम बन गई.

इस कंपनी का नाम डिक्सन टेक्नोलॉजी है जो भारत में टीवी, स्मार्टफोन, वाशिंग मशीन से लेकर लाइटिंग सॉल्यूशन तक तैयार करती है. अपनी इस खासियत की वजह से कंपनी ने 22 अप्रैल को एक नया मुकाम हासिल कर लिया है. उसने पहली बार एक लाख करोड़ रुपये का मार्केट कैप पार किया है.

सुर्खियों की वजह

मंगलवार, 22 अप्रैल को कंपनी के शेयरों में 6 फीसदी की उछाल दिखी. इसके पीछे की बड़ी वजह एक खबर है. इसके अनुसार गूगल की पैरेंट कंपनी Alphabet ने अपने ग्लोबल पिक्सल स्मार्टफोन के प्रोडक्शन का एक अहम हिस्सा वियतनाम से भारत में डिक्सन टेक्नोलॉजी के जरिए शिफ्ट कर सकती है. इसको लेकर कंपनियों के बीच बातचीत शुरू कर दी है. कंपनी की प्लानिंग है कि उन प्रोडक्ट्स का प्रोडक्शन भारत में किया जाए जिन्हें अमेरिका भेजना है ताकि टैरिफ में छूट मिल सके.

गूगल ऐसा इसलिए कर रही है ताकि कंपनी का वियतनाम पर भारी ट्रंप टैरिफ का असर कम हो सके. असल में ट्रंप ने भारत पर 26 फीसदी और वियतनाम पर 46 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. दोनों देशों के बीच टैरिफ का अंतर 20 फीसदी का है. इस अंतर को ध्यान में रखते हुए कंपनी अपना प्रोडक्शन भारत में शिफ्ट कर सकती है.

1 लाख करोड़ के पार हुआ मार्केट कैप

इस खबर के बाद Dixon Technologies के शेयर फोकस में आ गए. कंपनी का मार्केट कैप मंगलवार, 22 अप्रैल को उछलकर 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया. हालांकि बाजार बंद तक वह घटकर 95,316 करोड़ रुपये पर आ गया. इस दौरान कंपनी के शेयर एक दिन में 6 फीसदी चढ़ गए थे. Dixon के शेयर 16,675 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुए. इस दौरान कंपनी के निवेशकों को प्रति शेयर 5.43 फीसदी यानी 859 रुपये पर मुनाफा हुआ.

ये दिग्गज कंपनियां इसके भरोसे

इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग के मामले में डिक्सन का अपना अलग रसूख है. तभी तो सैमसंग, मोटोरोला, MI (Xiaomi), विप्रो, बजाज, लॉयड और वोल्टास जैसी दिग्गज कंपनियां अपने प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग में डिक्सन का साथ लेकर चलती हैं. कंपनी भारत में इलेक्ट्रिक मैन्युफैक्चरिंग सर्विस (EMS) सेक्टर में कार्यरत है. डेक्सन टेक्नोलॉजी की शुरुआत Sunil Vachani ने 1993 में की थी. साल 1994 में डिक्सन टेक्नोलॉजीज ने रंगीन टीवी का निर्माण भारत में शुरू किया था.

पोर्टफोलियो में कई प्रोडक्ट्स

भारत में कंपनी लाइटिंग और मोबाइल फोन बाजारों में प्रोडक्ट के निर्माण में लगी हुई सबसे बड़ी घरेलू डिजाइन केंद्रित और सॉल्यूशन कंपनी है. कंपनी के पोर्टफोलियो में कई प्रोडक्ट्स हैं- एलईडी टीवी, वाशिंग मशीन, एलईडी बल्ब और ट्यूबलाइट, मोबाइल फोन, सीसीटीवी और डीवीआर और रेफ्रिजरेटर शामिल हैं. डिक्सन रिवर्स लॉजिस्टिक्स यानी एलईडी टीवी पैनलों की मरम्मत और रिफर्बिशमेंट सर्विस का सॉल्यूशन भी प्रदान करती है. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, भारत और चीन में डिक्सन टेक्नोलॉजीज के 3 R&D सेंटर हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश में कंपनी के 23 मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी मौजूद हैं. इससे इतर कंपनी के ग्रुप में 22,000 से अधिक कर्मचारी हैं.

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गूगल का भी आया दिल!

कुछ दिनों पहले, Dixon Technologies को लेकर नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाए जाने की भी बात हुई थी. 9 अप्रैल, 2025 को कंपनी ने तमिलनाडु सरकार के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग साइन किया था. कंपनी की योजना है कि वह आने वाले समय में 1000 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित चेन्नई में स्थापित करेगी. नए प्लांट के जरिये कंपनी 5000 से अधिक नौकरी भी पैदा करेगी. मौजूदा समय में भारत में बनने वाले पिक्सल फोन्स की हिस्सेदारी डिक्सन टेक्नोलॉजी की 70 फीसदी है. फिलहाल, भारत में बनने वाले पिक्सल स्मार्टफोन घरेलू बाजार के लिए हैं. नोएडा में डिक्सन और तमिलनाडु में फॉक्सकॉन डिवाइस को असेंबल करते है जिसमें डिक्सन नए मॉडल बनाते हैं वहीं फॉक्सकॉन पुराने मॉडल पर ध्यान केंद्रित करते हैं.

कितना कमाती है Dixon Technologies?

कंपनी ने दिसंबर 2024 को समाप्त तिमाही के लिए शानदार इनकम दर्ज की है. साल दर साल के आधार पर कंपनी नेट प्रॉफिट 124 फीसदी बढ़कर 217 करोड़ रुपये हो गया. पिछले वित्त वर्ष के समान अवधि में वह 97 करोड़ रुपये था. इससे इतर, दिसंबर 2024 के तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 117 फीसदी बढ़कर 10,461 करोड़ रुपये हो गया. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में डिक्सन टेक्नोलॉजीज का EBITDA दोगुना से अधिक बढ़कर 398 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी के शेयर की बात करें तो वह पिछले एक महीने में 17.97 फीसदी का रिटर्न दे चुकी है. यानी इस दौरान कंपनी के निवेशकों को प्रति शेयर 2,538 रुपये का फायदा हुआ. वहीं पिछले 1 साल के दौरान निवेशकों को 8,980 रुपये प्रति शेयर का मुनाफा हुआ. यानी इस दौरान कंपनी के शेयर 116.93 फीसदी चढ़ गए.

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