शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद STT कलेक्शन में 75 फीसदी की बढ़ोतरी, खजाने में आए इतने करोड़ रुपये

जुलाई से एसटीटी संग्रह में वृद्धि हो रही है और यह वृद्धि तब भी जारी रही जब शेयर बाजार में जुलाई और दिसंबर 2024 के बीच बड़ा सुधार हुआ. हालांकि, 11 जुलाई, 2024 को एसटीटी कलेक्शन 16,634 करोड़ रुपये था. हालांकि, एसटीटी संग्रह के आंकड़े बताते हैं कि इसका बाजार में गिरावट या वृद्धि से कोई संबंध नहीं है

STT collections में बंपर बढ़ोतरी. Image Credit: jayk7/Moment/Getty Images

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) कलेक्शन में 75 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 12 जनवरी, 2025 तक एसटीटी कलेक्शन बढ़कर 44,538 करोड़ रुपये हो गया. जबकि साल 2024 में इसी अवधि के दौरान यह आंकड़ा 25,415 करोड़ रुपये था. खास बात यह है कि कलेक्शन में यह वृद्धि सिक्योरिटीज के फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स (एफएंडओ) पर एसटीटी में बढ़ोतरी के बावजूद हुई है, जिसे एफएंडओ सेगमेंट में सट्टा बाजार गतिविधि पर अंकुश लगाने के लिए लगाया गया था.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 23 जुलाई को पेश किए गए बजट 2024-25 में 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी सिक्योरिटीज के एफएंडओ पर एसटीटी को दोगुना करने का प्रस्ताव किया गया था. हालांकि, जुलाई से एसटीटी संग्रह में वृद्धि हो रही है और यह वृद्धि तब भी जारी रही जब शेयर बाजार में जुलाई और दिसंबर 2024 के बीच बड़ा सुधार हुआ. हालांकि, 11 जुलाई, 2024 को एसटीटी कलेक्शन 16,634 करोड़ रुपये था. 10 अक्टूबर को 30,630 करोड़ रुपये, 10 नवंबर को 35,923 करोड़ रुपये और 17 दिसंबर को 40,114 करोड़ रुपये हो गया.

पिछले साल के आंकड़े

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसई सेंसेक्स जो पिछले साल 23 जुलाई को 80,429.04 पर था, पिछले साल 27 सितंबर को 85,978.25 के अब तक की सबसे हाई पर पहुंच गया. इससे पहले 14 जनवरी 2025 को यह 76,499.63 पर पहुंच गया था. यानी विशिष्ट सिक्योरिटीज में लेनदेन पर लगाए जाने वाले एसटीटी में ग्रोश ऐसे समय में हुई है, जब सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स सेक्शन में वॉल्यूम में ग्रोश पर चिंता जताई है, जो व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए जोखिम पैदा कर सकता है.

राजस्व में इजाफा

बढ़े हुए एसटीटी संग्रह सरकार के राजस्व में भी इजाफा कर रहे हैं. अब तक 44,538 करोड़ रुपये एकत्र किए जाने के साथ, एसटीटी राजस्व पहले ही चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 37,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान को पार कर चुका है. पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में, एसटीटी राजस्व 32,000 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) और 2022-23 में 25,085 करोड़ रुपये होने का अनुमान था.

ये भी पढ़ें- अमीर बनने में लगेंगे 15 साल, जल्दी में हैं तो लग जाएंगे 30 साल- समझ लें गुरमीत चड्ढा के अनोखे निवेश मंत्र

सिक्योरिटीज के वायदा और विकल्प पर एसटीटी को क्रमशः 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया. इससे पहले, सिक्योरिटीज में ऑप्शन्स की बिक्री पर एसटीटी की दर विकल्प प्रीमियम का 0.0625 प्रतिशत थी, जबकि सिक्योरिटीज में फ्यूचर्स की बिक्री पर एसटीटी की दर उस कीमत का 0.0125 प्रतिशत थी जिस पर ऐसे फ्यूचर्स ट्रेडिंग किए जाते हैं.

क्या कहते हैं विश्लेषक

एक विश्लेषक ने कहा कि रिटेल इन्वेस्टर कैश में कारोबार कर रहे थे और म्यूचुअल फंड ने भी मार्केट में पैसा लगाया, क्योंकि उन्हें बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद भारी इन्वेस्ट मिला. एसटीटी संग्रह के आंकड़े बताते हैं कि इसका मार्केट में गिरावट या ग्रोथ से कोई संबंध नहीं है. एसटीटी में ग्रोथ तब हुई जब मार्केट में तेजी आई और तब भी जब बाजार में गिरावट आई.

ये भी पढ़ें- अंग्रेजों ने भारत को कैसे चूसा, जानें कितनी दौलत लूटी; 78 साल बाद खुलासा