सुप्रीम कोर्ट से Byju’s को बड़ा झटका, NCLAT के आदेश को किया खारिज
NCLAT ने बायजू और BCCI के बीच चल रहे कश्मकश को लेकर 158 करोड़ रुपये के साथ समझौता करने की मंजूरी दी थी. उस आदेश को अब सुप्री्म कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जानें क्या है पूरा मामला और एससी ने क्यों खारिज किया NCLAT का आदेश.
बायजू की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. कुछ दिन पहले नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रॉयबुनल (NCLAT) ने बायजू और बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI) के बीच चल रहे कश्मकश को लेकर 158 करोड़ रुपये के साथ समझौता करने की मंजूरी दी थी. लेकिन एडटेक बायजू को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर को NCLAT के समझौते वाले आदेश को खारिज कर दिया.
क्या कहा कोर्ट ने?
कोर्ट का मानना है कि NCLAT ने दोनों कंपनियों के बीच हुई समझौते को गलत तरीके मंजूरी दी थी. कोर्ट के अनुसार, NCLAT ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) में उल्लेखित उचित प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया है साथ ही दोनों पक्षों के बीच समझौते को गलत तरीके से मंजूरी दी थी. बता दें कि बीसीसीआई ने कोर्ट के आदेश के अनुसार, समझौते में तय 158 करोड़ रुपये को एस्क्रो अकाउंट में डिपॉजिट कर दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उस रकम को दूसरे एस्क्रो अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा जिसे कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) मैनेज करती है.
कौन किसकी ओर से?
बता दें कि ये फैसला मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनाया जिसमें जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा भी शामिल थे. वहीं ग्लास ट्रस्ट की ओर से सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान और कपिल सिब्बल ने पैरवी की जबकि बायजू की ओर से सीनियर एडवोकेट डॉ. एएम सिंघवी पेश हुए थे. वहीं बीसीसीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता थे.
क्या है मामला?
बता दें कि इस पूरे मामले की शुरुआत जून 2023 में हुआ था जब बायजू ने 1.2 बिलियन डॉलर के टर्म लोन पर ब्याज का भुगतान नहीं किया था. उसके बाद ग्लास ट्रस्ट के नेतृत्व में बायजू की लड़ाई शुरू हुई. कर्ज देने वालों ने बायजू के खिलाफ भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया. जिसपर बायजू का कहना था कि लोन के शर्तों में अनुचित तरीके से हेरफेर किया जा रहा है. उसी बीच बीसीसीआई ने डिफॉल्ट 158 करोड़ रुपये के कर्ज के मामले में NCLAT का दरवाजा खटखटाया था. उसके बाद NCLAT ने दोनों के बीच में समझौते को लेकर आदेश दिया था.