मुकेश अंबानी को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, RPL स्टॉक मामले में सेबी की अपील हुई खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने सेबी की याचिका खारिज कर दी है जिससे मुकेश अंबानी और अन्य को बड़ी राहत मिली है. यह मामला 2007 के रिलायंस पेट्रोलियम स्टॉक में गड़बड़ी से जुड़ा था.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और अन्य दो कंपनियों के खिलाफ सेबी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया. यह मामला 2007 में रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड (RPL) के शेयरों में कथित रूप से हेराफेरी से जुड़ा हुआ था.
जस्टिस जे बी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने कहा कि वे सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) के आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि SAT के फैसले में ऐसा कोई कानूनी मुद्दा नहीं था जिसमें कोर्ट को हस्तछेप करने की जरूरत हो.
क्या है मामला?
2007 में RIL ने रिलायंस पेट्रोलियम के 5% शेयर बेचने का निर्णय लिया था. सेबी का आरोप था कि RIL ने 12 एजेंटों की मदद से शेयर के मूल्य को प्रभावित करने के लिए नकद और वायदा सेगमेंट में योजनाबद्ध तरीके से ट्रेडिंग की. सेबी का कहना था कि इन एजेंटों ने फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में शॉर्ट पोजीशन ली और नकद सेगमेंट में बड़े पैमाने पर RPL के शेयर डंप किए, जिससे अन्य निवेशकों के हितों को नुकसान हुआ.
SAT ने आदेश
SAT ने 2023 में सेबी द्वारा मुकेश अंबानी, नवी मुंबई SEZ और मुंबई SEZ पर लगाए गए जुर्माने को निरस्त कर दिया था. सेबी ने 2021 में मुकेश अंबानी पर 15 करोड़, नवी मुंबई SEZ पर 20 करोड़ और मुंबई SEZ पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. SAT ने अपने आदेश में कहा था कि मुकेश अंबानी पर सीधा आरोप नहीं लगाया जा सकता क्योंकि शेयरों की बिक्री में उनकी कोई प्रत्यक्ष भूमिका साबित नहीं हुई.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, मुकदमा कई सालों से चल रहा है और यह काफी लंबा समय है. इसमें कानून का कोई सवाल नहीं है. पीठ ने सेबी की याचिका को खारिज करते हुए कहा, “आप इस तरह से किसी व्यक्ति का सालों तक पीछा नहीं कर सकते.” हालांकि, SAT के आदेश के खिलाफ रिलायंस इंडस्ट्रीज की क्रॉस-अपील 2 दिसंबर को सुनवाई के लिए आएगी. इस आदेश में कंपनी पर लगाए गए जुर्माने सहित सेबी के फैसले को बरकरार रखा गया था.