दिन हो या रात अब 24 घंटे मिलेगी फ्री डिलीवरी, इस कंपनी ने की शुरुआत

स्विगी इंस्टामार्ट दिल्ली-एनसीआर में मुफ्त 24 घंटे डिलीवरी सेवा देने वाला पहला क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म बन गया है. इसमें आपको खाने से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स सामान तक सब कुछ 10-15 मिनट में डिलीवर हो जाएगा.

स्विगी इंस्टामार्ट Image Credit: Niharika Kulkarni/NurPhoto via Getty Images

त्योहारों के मौसम में स्विगी इंस्टामार्ट दिल्ली-एनसीआर में मुफ्त 24 घंटे डिलीवरी सेवा देने वाली पहली क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म बन गया है. यह सर्विस दिल्ली, गुड़गांव और नोएडा में 10-15 मिनट के भीतर हजारों उत्पादों की तेजी से डिलीवरी करती है. इस क्षेत्र के ग्राहकों को किराना सामान, त्योहार में इस्तेमाल होने वाले व्यंजन, इलेक्ट्रॉनिक्स, खिलौने और गिफ्ट आइटम सहित कई तरह की वस्तुएं बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के दिन हो या रात, किसी भी समय पहुंचाई जा सकती हैं.

इस कदम का लक्ष्य देर रात के समय, खास तौर पर त्योहारों के सीजन में, अंतिम मिनट की तैयारियों के दौरान आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती मांग को पूरा करना है. स्विगी इंस्टामार्ट के ऑर्डर का विश्लेषण करने पर देर रात के ग्राहकों के व्यवहार का पता चलता है. रात 11 बजे से सुबह 6 बजे के बीच, चिप्स, भुजिया, आइसक्रीम और पान मसाला जैसी वस्तुओं के ऑर्डर में उछाल आता है.

जैसे-जैसे सुबह करीब आती है, दूध और अंडे जैसी नाश्ते की वस्तुओं की मांग बढ़ती है. यह सेवा अभी दिल्ली-एनसीआर में शुरू हुई है, लेकिन स्विगी इंस्टामार्ट देश के अन्य प्रमुख शहरों में भी 24×7 डिलीवरी सेवा का विस्तार करने पर विचार कर रहा है.

आईपीओ लाने की तैयारी में है स्विगी

स्विगी जल्द ही अपना आईपीओ लॉन्च करने वाली है. इसके लिए कंपनी ने सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) जमा किया है. स्विगी आईपीओ के जरिए 3,670 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है. माना जा रहा है कि इस आईपीओ के जरिए स्विगी अपनी वैल्यूएशन 15 बिलियन डॉलर करना चाहती है. अंतिम फंडिंग राउंड 2022 में कंपनी की वैल्यूएशन 10.7 बिलियन डॉलर थी.

इसके आईपीओ का इंतजार लोग बेसब्री से कर रहे हैं, और उम्मीद है कि यह जल्द ही लॉन्च होगा. भारतीय फूड डिलीवरी मार्केट में जोमैटो और स्विगी का एक तरह से दबदबा है. दोनों मिलकर कुल मार्केट शेयर का 90% हिस्सा अपने पास रखते हैं. वहीं, उम्मीद की जा रही है कि 2030 तक यह मार्केट 2 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा.