TCS को महज 99 पैसे में मिल गई 21 एकड़ जमीन, सरकार ने क्यों दिखाई मेहरबानी, ये रही बड़ी वजह
देश की दिग्गज आईटी कंपनी टीसीएस जल्द ही आंध्र प्रदेश में अपनी धाक जमाने वाली है. इसके लिए विशाखापत्तनम में राज्य सरकार ने कंपनी को 21 एकड़ जमीन महज 99 पैसे में दी है. इससे आंध्र प्रदेश न सिर्फ टेक्नोलॉजी का नया हब बनेगा, बल्कि इससे और भी कई फायदे होंगे. तो क्या है सरकार की प्लानिंग, यहां जानें पूरी डिटेल.
TCS in Andhra Pradesh: टाटा ग्रुप की TCS को आंध्र प्रदेश के विशापत्तनम में 21 एकड़ की जमीन महज 99 पैसे में ही मिल गई है. देश की इस दिग्गज आईटी कंपनी को राज्य में बड़े पैमाने पर जमीन देना का ये फैसला आंध्र सरकार ने लिया है. सरकार ने विशाखापत्तनम को टेक्नोलॉजी का नया हब बनाने के मकसद से ये कदम उठाया है. मंगलवार को इस सिलसिले में सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
IT और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री नारा लोकेश का कहना है कि यह कदम न केवल स्थानीय युवाओं के लिए नौकरी के अवसर खोलेगा, बल्कि आंध्र प्रदेश के IT इकोसिस्टम को भी मजबूती देगा. सरकार इसे गुजरात मॉडल की तर्ज पर IT सेक्टर में बड़े निवेश को आकर्षित करने की रणनीति मान रही है. TCS विशाखापत्तनम की जमीन पर एक विशाल डेवलपमेंट सेंटर बनाएगी, जिसमें ₹1370 करोड़ का निवेश होगा.
12,000 नौकरियों का मौका
TCS आंध्र प्रदेश में एक विशाल डेवलपमेंट सेंटर बनाएगी, इसके लिए कंपनी करोड़ों का इंवेस्टमेंट भी करेगी. इस प्रोजेक्ट से करीब 12,000 नौकरियों के जनरेट होने की संभावना है, जिससे लोगों के लिए रोजगार के मौके बनेंगे. यह कदम न केवल स्थानीय युवाओं के लिए नौकरी के अवसर खोलेगा, बल्कि आंध्र प्रदेश के IT इकोसिस्टम को भी मजबूती देगा.
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गुजरात मॉडल से प्रेरणा
आंध्र प्रदेश सरकार के टीसीएस को महज 99 पैसे में जमीन देना एक प्रतीकात्मक कदम है, क्योंकि सरकार इसके जरिए टेक कंपनियों को राज्य में निवेश के लिए आकर्षित करना चाहती है. विशेषज्ञ इसे गुजरात मॉडल से जोड़कर देख रहे हैं. क्योंकि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब टाटा मोटर्स को साणंद में बेहद कम कीमत पर जमीन दी गई थी. उस फैसले ने गुजरात को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. इसी की तर्ज पर अब आंध प्रदेश को भी आईटी हब बनाने पर फोकस किया जा रहा है.