भारत की चीनी विदेशियों की डिश करेगी मीठी, इस सीजन में शुगर एक्सपोर्ट पर सरकार मेहरबान
भारत इस सीजन में कम उत्पादन अनुमानों के बावजूद 1 मिलियन मीट्रिक टन चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाएगा. घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है, इसलिए सरकार निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का कोई कारण नहीं देखती है. मिलें पर्याप्त कैरीओवर स्टॉक के साथ 28 मिलियन टन की मांग के मुकाबले 26.4 मिलियन टन चीनी का उत्पादन करेंगी.

India sugar export: भारत सरकार चीनी मिलों को बड़ी राहत देने वाली है. माना जा रहा था कि सरकार चीनी उत्पादन में कमी के कारण निर्यात पर रोक लगा सकती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत इस सीजन में 10 लाख मीट्रिक टन चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाएगा और ऐसा करने का कोई प्लान नहीं है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है. जनवरी में, सरकार ने सितंबर 2025 तक 10 लाख मीट्रिक टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी थी.
अब सरकार ने साफ किया है कि वह निर्यात पर कोई रोक नहीं लगाएगी और 10 लाख टन का निर्यात पहले की तरह जारी रहेगा. इस फैसले से चीनी मिलों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि वे पहले से तय लक्ष्य के अनुसार निर्यात कर सकेंगे.
इतनी है घरेलू मांग
भारत में घरेलू खपत और इथेनॉल की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में स्टॉक मौजूद है. रिपोर्ट के मुताबिक, स्टॉक पर्याप्त होने के कारण सरकार ने मिलों को चीनी निर्यात करने की अनुमति देने का फैसला किया है. सरकारी अनुमान के अनुसार, इस साल मिलों द्वारा 26.4 मिलियन टन (264 लाख टन) चीनी उत्पादन की उम्मीद है, जबकि घरेलू मांग 28 मिलियन टन (280 लाख टन) होने का अनुमान है. हालांकि, 1 अक्टूबर 2024 को चालू सीजन की शुरुआत में बचा हुआ स्टॉक कुल 80 लाख टन था.
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अक्टूबर में शुरू होती है पेराई
रिपोर्ट के मुताबिक, इस सीजन में 1 मिलियन टन चीनी निर्यात करने के बाद, मिलों द्वारा 1 अक्टूबर 2025 को 5.4 मिलियन टन के कैरीओवर स्टॉक के साथ नए सीजन की शुरुआत करने की उम्मीद है. यह घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए दो महीनों तक पर्याप्त रहेगा. भारत में चीनी मिलें अक्टूबर में नए सीजन के लिए गन्ने की पेराई शुरू करती हैं, और नवंबर के अंत तक उत्पादन में तेजी आती है.
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