मोबाइल प्रोडक्शन में भी स्लोडाउन ! कई कंपनियों ने घटाया 50 फीसदी तक उत्पादन

भारत में इकोनॉमी ग्रोथ रेट धीमी हुई है, जिसका सीधा असर मोबाइल फोन मैन्युफेक्चरिंग कंपनियों पर दिख रहा है. स्मार्टफोन प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत बनी यूनिट का प्रोडक्शन आधा रह गया है. 2024 के अंत तक भारत की सालाना मोबाइल फोन प्रोडक्शन कैपेसिटी 500 मिलियन यूनिट से अधिक थी, लेकिन वर्तमान में सालाना केवल 250 मिलियन मोबाइल फोन का प्रोडक्शन हो रहा है.

स्मार्टफोन मैन्यूफेक्चरिंग घटा Image Credit: money9live.com

भारत में इकोनॉमी की सेहत ठीक-ठाक नहीं चल रही है. स्लोडाउन के आहट हैं और सरकार ने भी मान लिया है कि वित्त वर्ष में चार साल के सबसे कम ग्रोथ रेट से बढ़ने की संभावना है. भारतीय इकोनॉमी कोविड-19 के बाद रिकवर होकर 8.2 फीसदी और 9.7 फीसदी तक पहुंची थी, वो अब 6.4 फीसदी पर आ गई है. इस कम ग्रोथ रेट और स्लोडाउन की आहट ने कई सेक्टर को प्रभावित करना शुरू कर दिया है.

इसका ताजा उदाहरण स्मार्टफोन मैन्यूफेक्चरिंग कंपनी में दिख रहा है, जहां मांग में कमी आई है. स्मार्टफोन प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत बनी यूनिट का प्रोडक्शन आधा हो गया है. वहीं, छोटे यूनिटों ने दूसरे प्रोडक्ट भी बनाना शुरू कर दिया है.

दूसरे प्रोडक्ट बना रही हैं कंपनियां

इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने ईटी को बताया कि सरकार द्वारा प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) स्कीम के माध्यम से लोकल मैन्यूफेक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई मोबाइल फोन यूनिट डोमेस्टिक और ग्लोबली मांग कम होने के कारण दूसरे प्रोडक्ट बनाने के लिए इस्तेमाल कर रही हैं. उन्होंने कहा कि जो PLI स्कीम से जुड़े हैं, बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन करते हैं और विदेश में एक्सपोर्ट करते हैं, उनका काम तो जारी है, लेकिन जो लोकल मार्केट के लिए प्रोडक्शन करने वाले छोटे प्लेयर हैं, वे टेलीकॉम इक्विपमेंट और वियरेबल्स बनाने में अपने यूनिट का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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आधा हो गया है प्रोडक्शन

काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक 2024 के अंत तक भारत की सालाना मोबाइल फोन प्रोडक्शन कैपेसिटी 500 मिलियन यूनिट से अधिक थी, जिसमें स्मार्टफोन, फीचर फोन और टैबलेट बनाने की क्षमता शामिल है. लेकिन काउंटरपॉइंट और उद्योग संघ ने ईटी को बताया कि भारत में वर्तमान में सालाना केवल 250 मिलियन मोबाइल फोन का प्रोडक्शन होता है. इनमें से 200 मिलियन स्मार्टफोन और फीचर फोन डोमेस्टिक मार्केट के लिए हैं, जबकि बाकी, ज्यादातर iPhone, एक्सपोर्ट किए जाते हैं. भारत में मोबाइल फोन निर्माण मुख्य रूप से Dixon Technologies, Samsung Electronics, Tata Electronics और Hon Hai (Foxconn) जैसी PLI-eligible कंपनियों द्वारा किया जाता है.

हालांकि, Lava International, Karbonn, Bhagwati (Micromax), Bharat FIH और UTL Neolync जैसी कुछ कंपनियां प्रोडक्शन टारगेट को पूरा नहीं कर पा रही हैं. इंडस्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक अगर छोटी कंपनियों को भी शामिल किया जाए, तो क्षमता कहीं ज्यादा हो सकती है. लेकिन इनमें से कई अब दूसरे प्रोडक्ट बनाने में लग गई हैं या फोन की मांग में कमी के कारण अपनी यूनिट बंद कर दी हैं.

क्यों कम हुई मांग

मार्केट एक्सेक्यूटिव के मुताबिक फीचर फोन और एंट्री-लेवल स्मार्टफोन की कमजोर मांग के पीछे कम यूटिलाइजेशन रेट है. शोध फर्म CMR के अनुसार, 2024 की जुलाई-सितंबर तिमाही में फीचर फोन शिपमेंट में सालाना आधार पर 14 फीसदी की गिरावट आई है. यह मुख्य रूप से 4G फीचर फोन शिपमेंट में 46 फीसदी की गिरावट के कारण हुआ. 2G फीचर फोन की बिक्री में भी 1 फीसदी की गिरावट आई, जिससे बेसिक मोबाइल फोन की मांग में कमी आई.