यूपीआई लेन-देन में जबरदस्त उछाल, ट्रांजेक्शन के मामलों में इन कंपनियों की बादशाहत कायम

लेन-देन की राशि में भी बढ़ोतरी हुई है, जो 40% बढ़कर 116.63 लाख करोड़ रुपये हो गई है.इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट से पता चलता है कि यूपीआई लेन-देन में तेजी से वृद्धि हो रही है. किराना दुकानों जैसे छोटे लेन-देन से लेकर सरकारी सेवाओं और ई-कॉमर्स जैसे बड़े लेन-देन भी इसके माध्यम से हो रहे हैं.

यूपीआई लेन-देन में जबरदस्त उछाल Image Credit: NurPhoto/Getty Images Editorial

भारत के डिजिटल पेमेंट लैंडस्केप में तेजी से बदलाव हो रहा है, जिसमें यूपीआई की भूमिका सबसे अहम है. यूपीआई से लेन-देन के मामलों में 2024 की पहली छमाही (1H 2024) में 52% की जबरदस्त उछाल आई है. पिछले साल इस अवधि में 51.9 बिलियन का ट्रांजेक्शन हुआ था, जो अब बढ़कर 78.97 बिलियन तक पहुंच गया है. वर्ल्डलाइन के आंकड़ों के मुताबिक, लेन-देन की राशि में भी बढ़ोतरी हुई है, जो 40% बढ़कर 116.63 लाख करोड़ रुपये हो गई है.

उनकी नई इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट से पता चलता है कि यूपीआई लेन-देन में तेजी से वृद्धि हो रही है. किराना दुकानों जैसे छोटे लेन-देन से लेकर सरकारी सेवाओं और ई-कॉमर्स जैसे बड़े लेन-देन भी इसके माध्यम से हो रहे हैं. शीर्ष बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं, जो हर महीने अरबों रुपये का लेन-देन कर रहे हैं. यूपीआई से लेन-देन के मामलों में फोनपे और गूगल पे की बादशाहत कायम है.

बढ़ता डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर

भारत में पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे डिजिटल लेन-देन में उछाल देखने को मिल रहा है. पॉइंट ऑफ सेल (PoS) टर्मिनलों की संख्या सालाना 17% बढ़ी है. ये जून 2024 तक 8.96 मिलियन तक पहुंच गई, जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्ड से भुगतान आसान हो गया है.

क्रेडिट कार्ड में बढ़ोतरी, डेबिट कार्ड में गिरावट

भारत में क्रेडिट कार्ड से भुगतान के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है. क्रेडिट कार्ड से लेन-देन की राशि में 37% की वृद्धि हुई है, जो 10.62 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. इससे लेन-देन की संख्या में 32% की वृद्धि हुई है, जो इस बात की ओर संकेत करता है कि महंगी खरीदारी के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग तेजी से हो रहा है.

इसके विपरीत, डेबिट कार्ड के उपयोग में भारी गिरावट देखी गई है. डेबिट कार्ड से लेन-देन के मामलों में 33% की गिरावट आई है, जो इस ओर इशारा करता है कि लोग यूपीआई और मोबाइल वॉलेट जैसे डिजिटल विकल्पों का तेजी से उपयोग कर रहे हैं.