2025 में बड़ा नाम कर सकती हैं ये 5 छुटकू कंपनियां, फोर्ब्स ने भी अपनी लिस्ट में किया शामिल

हमने 2025 में प्रवेश कर लिया है. इस साल से सभी को खूब उम्मीदे हैं. यहां हम ऐसी कंपनियों के बारे में बता रहे हैं, जो अभी बहुत छोटी हैं. लेकिन, आने वाले दिनों में ये बड़ा नाम और काम कर सकती हैं. फोर्ब्स ने भी इन कंपनियों को एशिया की 100 ऐसी कंपनियों की सूची में शामिल किया है, जिनपर नजर बनाए रखनी चाहिए.

ये कंपनियां अपने सेक्टर और टेक्नोलॉजी के दम पर तेजी से बड़ी बन सकती हैं. Image Credit: Money9

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम है. PIB की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत वैश्विक स्तर पर सबसे जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक के रूप में उभरा है. 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ, भारतीय स्टार्टअप इनोवेशन और उद्यमिता के भविष्य को आकार दे रहे हैं. देश में करीब 1,57,066 स्टार्टअप हैं, जिन्हें सरकार का समर्थन मिल रहा है. इन लाखों स्टार्टअप में से यहां 10 ऐसी कंपनियों के बारे में बताया जा रहा है, जो आने वाले दिनों में बड़ा नाम कर सकती हैं. ये ऐसी कंपनियां हैं, जिन्हें फोर्ब्स ने अपनी एशिया की 100 टू वाच कंपनियों की लिस्ट में शामिल किया है. फोर्ब्स की इस लिस्ट में सबसे ज्यादा 20 कंपनियां भारत की हैं. भारत के बाद 15 कंपनियां सिंगापुर से हैं. 10 चीन, 9 जापान और 8 इंडोनेशिया की हैं.

अग्निकुल कॉसमॉस

अग्निकुल कॉसमॉस लॉन्च रॉकेट विकसित करती है. यह देश की पहली कंपनी है, जिसके पास खुद का लॉन्चपैड और मिशन कंट्रोल है. इसका अग्निबाण इंजन हल्के सैटेलाइट लॉन्च करने में सक्षम है. फर्म ने मई में भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर श्रीहरिकोटा से अपना पहला सफल परीक्षण प्रक्षेपण किया. चेन्नई-मुख्यालय वाली इस स्टार्टअप कंपनी को 2017 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास में इनक्यूबेट किया गया था. कंपनी अब तक 4.2 करोड़ डॉलर जुटा चुकी है. इसके निवेशकों में सेलेस्टा कैपिटल, रॉकेटशिप.वीसी, अर्थ सेलेक्ट फंड और अर्थ वेंचर फंड शामिल हैं.

अती मोटर्स

मैन्युफैक्चरिंग व रोबोटिक्स सेक्टर में काम करने वाली यह कंपनी असल में बड़ी कंपनियों के लिए रोबोटिक्स सॉल्युशन देती है. खासतौर पर यह ऐसे रोबोट बनाती है, तो कंपनियों के कामकाज का ऑटोमेशन करते हैं. इसके तीन पहियों वाले रोबोट बड़े कारखानों और गोदामों में कई काम आसान बनाता है. शेरपा ब्रांड के ये रोबोट ट्रॉलियों को खींचने में सक्षम हैं और सेंसर और कंपनी के AI-आधारित सॉफ्टवेयर की बदौलत बाधाओं से बचते हुए खुद अपना काम करते हैं. 2023 में अती मोटर्स ने ब्लूम वेंचर्स, MFV पार्टनर्स और ट्रू वेंचर्स सहित कई निवेशकों से सीरीज ए फंडिंग में 1.8 करोड़ डॉलर जुटाए हैं.

दिगंतर

स्पेसटेक सेक्टर की यह कंपनी 2018 में स्थापित हुई है. यह कंपनी अंतरिक्ष के लिए मैप बना रही है. कंपनी का दावा है कि जैसे जमीन पर नैविगेशन के लिए गूगल मैप्स है, उसी तरह से वे स्पेस के लिए मैप बना रहे हैं, जो कमर्शियल स्पेस कंपनियों और सरकारी एजेंसियों के लिए काम आएगा. असल में यह कंपनी स्पेस जंक और दूसरे ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक करती है. इसके आधार पर स्पेस फ्लाइट के लिए सुरक्षित रास्ते बताती है. कंपनी ने लगभग 1.5 करोड़ डॉलर जुटाए हैं. इसके निवेशकों में आदित्य बिड़ला वेंचर्स, पीक XV पार्टनर्स और कलारी कैपिटल शामिल हैं.

ईएफ पॉलिमर

एग्रो टेक सेक्टर की यह कंपनी किसानों की एक बड़ी समस्या का समाधान कर रही है. 2018 में बनी इस कंपनी ने केले और संतरे के छिलकों जैसी बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से एक हाइड्रोजेल पॉलिमर विकसित किया है, जो मिट्टी में पानी की मात्रा को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है. यह प्रोडक्ट ज्यादा पानी या कम पानी दोनों तरह की स्थिति में किसानों की मदद करता है. 2023 में, ईएफ पॉलिमर ने बियॉन्ड नेक्स्ट वेंचर्स और ओकिनावा डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प जैसे निवेशकों से सीरीज ए फंडिंग में लगभग 40 लाख डॉलर जुटाए हैं.

फाइलो

एग्रो टेक सेक्टर की यह कंपनी 2019 में बनी है. फाइलो भारतीय किसानों को इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) डिवाइस के साथ फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद करती है. इसमें सिंचाई, उर्वरक और कीट नियंत्रण जैसी परिस्थितियों के लिए तरह-तरह के सेंसर बनाए गए हैं. इसके अलावा खेत में लगे सेंसर नमी, तापमान और मिट्टी की नमी का डाटा लगातार जुटाते हैं और मोबाइल पर एक्शनेबल इन्फॉर्मेशन के तौर पर उस डाटा को पेश किया जाता है. कंपनी ने इंडियाकोटिएंट और सिडबी वेंचर्स के नेतृत्व में निवेशकों से कुल 60 लाख डॉलर जुटाए हैं.