अलीगढ़ के इन 5 अरबपतियों का दुनिया में डंका; एक के साउंड बॉक्स का ठेले से लेकर 5-स्टार होटल तक यूज
अलीगढ़ किसी जमाने में कोइल के नाम से जाना जाने वाला यह शहर अब यहां से निकले अरबपतियों के नाम से जाना जाता है. इन अरबपतियों का डंका पूरी दुनिया में बजता है. आइए जानते हैं इन दिग्गज के बारे में जिन्होंने अलीगढ़ का नाम पूरी दुनिया में रौशन कर दिया.
Richest Man in Aligarh: अलीगढ़ का इतिहास काफी पुराना है. किसी जमाने में कोइल के नाम से जाना जाने वाला यह शहर अब यहां से निकले अरबपतियों के नाम से जाना जाता है. इन अरबपतियों का डंका पूरी दुनिया में बजता है. अरबपतियों की इस लिस्ट में पेटीएम के फाउंडर से लेकर घड़ी डिटर्जेंट पाउडर के मालिक मुरली बाबू भी शामिल हैं. आइए जानते हैं इन दिग्गज के बारे में जिन्होंने अलीगढ़ का नाम पूरी दुनिया में रौशन कर दिया.
विजय शेखर शर्मा (Paytm के फाउंडर)
विजय शेखर शर्मा पेटीएम के संस्थापक और CEO हैं. इनका जन्म 7 जून 1978 को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ था. वे अब 46 साल के हैं. उन्होंने फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करके अपनी पहचान बनाई है. फोर्ब्स के अनुसार उनकी कुल संपत्ति करीब 120 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 10,000 करोड़ रुपये) है. साल 1997 में कॉलेज के दौरान विजय शेखर शर्मा ने indiasite.net नाम की वेबसाइट शुरू की और दो साल बाद उसे 1 मिलियन डॉलर में बेच दिया.
साल 2000 में उन्होंने One97 Communications की शुरुआत की. यह मोबाइल पर खबरें, क्रिकेट स्कोर, जोक्स, रिंगटोन और एक्जाम रिजल्ट जैसी सेवाएं देती थी. साल 2010 में उन्होंने Paytm लॉन्च किया. नवंबर 2021 में Paytm का IPO आया. इससे 2.5 अरब डॉलर जुटाए गए और कंपनी की वैल्यू 19 अरब डॉलर हो गई. फोर्ब्स मैगजीन ने विजय शेखर शर्मा को भारत का सबसे कम उम्र का अरबपति घोषित किया था.
मुरली बाबू (डिटर्जेंट पाउडर के ओनर)
मुरली बाबू यंग एंटरप्रेन्योर के बीच काफी लोकप्रिय हैं. उनका जीवन प्रेरणादायक है. मुरली बाबू उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से हैं और वह घड़ी ग्रुप के मालिक हैं. यह एक साबुन और डिटर्जेंट बनाने वाली एक जानी-मानी कंपनी है. उन्होंने इसे मेहनत से खड़ा किया. वह ना सिर्फ व्यापार में सफल हैं, बल्कि समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में भी बढ़-चढ़कर योगदान देते हैं.
हुरुन रिच लिस्ट इंडिया 2024 के अनुसार, घड़ी डिटर्जेंट ग्रुप के मालिक मुरली बाबू भारत में 149वें नंबर पर हैं. उनकी कुल संपत्ति 12,000 करोड़ रुपये है. साल 2021 में वह 177वें स्थान पर थे, तब उनकी संपत्ति 9,800 करोड़ रुपये थी. मुरली बाबू के भाई बिमल ज्ञानचंदानी की संपत्ति 8,000 करोड़ रुपये है.
हाजी जहीर (अलदुआ मीट एक्सपोर्ट कंपनी)
हाजी जहीर अलीगढ़ के मशहूर मीट कारोबारी हैं. उन्हें हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024 में शामिल किया गया है. उनकी रैंकिंग 970वीं है और उनकी कुल संपत्ति लगभग 2,300 करोड़ रुपये है. वह साल 2018 से अलीगढ़ में सबसे ज्यादा इनकम टैक्स देने वाले टॉप 10 कारोबारियों में शामिल हैं. हाजी जहीर ने अपना पहला कारोबार 2005 में शुरू किया था. उनकी पहली कंपनी का नाम अलहंद फूड एग्रो प्राइवेट लिमिटेड था, जो दिल्ली जीटी रोड पर स्थित है. इसके बाद, साल 2012 में उन्होंने दिल्ली के कारोबारी कामिल चौधरी से “अलदुआ मीट एक्सपोर्ट कंपनी” खरीदी, जो मथुरा बायपास रोड पर स्थित है.
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सोमदत्त गोयल (LD गोयल स्टील)
LD गोयल स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत 2004 में सोमदत्त गोयल ने अपने पिता लोकमान दास गोयल के नाम पर की थी. कंपनी लोहे के एंगल और चैनल बनाती है. यह कंपनी हर साल लगभग 8,000 टन स्टील बनाती है. उनके परिवार ने स्टील का काम 1964 में शुरू किया था, जब उन्होंने एक छोटा सा रोलिंग मिल स्थापित किया था, जिसमें हर साल 300 टन स्टील बनता था. आज उनकी कंपनी केवल स्टील के काम तक सीमित नहीं है, बल्कि कई अन्य क्षेत्रों में भी काम कर रही है.
जफर आलम (लिंक लॉक्स के फाउंडर)
जफर आलम का जन्म 7 दिसंबर 1944 को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, ब्रिटिश भारत में हुआ था. उन्होंने लिंक लॉक्स की स्थापना की. वे एक मेकेनिकल इंजीनियर हैं और कंपनी के संस्थापक और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. लिंक लॉक्स की शुरुआत हाई क्ववालिटी वाले ताले बनाने से हुई थी. जफर आलम समाजवादी पार्टी के नेता भी हैं. उन्होंने साल 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अलीगढ़ विधानसभा सीट से विधायक के रूप में जीत हासिल की थी. हालांकि, 2017 के चुनाव में उन्हें भारतीय जनता पार्टी के संजीव राजा से हार का सामना करना पड़ा.
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