Nippon India और HDFC सहित ये हैं देश के टॉप 10 गोल्ड ETF, एक साल में दिए 39 फीसदी का रिटर्न

पहले लोग फिजिकल गोल्ड (गहने, सिक्के) खरीदते थे, लेकिन अब डिजिटल गोल्ड, गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड और गोल्ड ETF जैसे विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे हैं. गोल्ड ETF कम लागत, सुरक्षा और आसान ट्रेडिंग के कारण लोकप्रिय निवेश विकल्प बन गया है

गोल्ड ETF कम लागत, सुरक्षा और आसान ट्रेडिंग के कारण लोकप्रिय निवेश विकल्प बन गया है Image Credit: money9live

TOP 10 Gold ETF: भारत में सोने का लोगों से गहरा इमोशनल जुड़ाव है. फिर चाहे गहनों की खरीदारी हो या किसी शुभ अवसर पर इसका उपयोग, लोग इसे शुभ मानते हैं. हालांकि, देश में सोना सिर्फ गहनों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह निवेश का एक मजबूत विकल्प भी बन चुका है. समय के साथ, सोने में निवेश के तरीकों में भी बदलाव आया है. पहले, लोग सिर्फ फिजिकल गोल्ड जैसे गहने और सिक्के खरीदते थे, लेकिन अब डिजिटल गोल्ड, गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड और गोल्ड ETF जैसे नए विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे हैं. इन विकल्पों में गोल्ड ETF निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है. आइए जानते हैं इस समय भारत के टॉप 10 गोल्ड ETF के बारे में.

रैंकगोल्ड ETF का नामAUM (₹ करोड़ में)
1Nippon India ETF Gold BeES16,976
2HDFC Gold ETF8,020
3ICICI Prudential Gold ETF6,993
4Kotak Gold ETF6,654
5SBI Gold ETF6,573
6UTI Gold ETF1,599
7Axis Gold ETF1,304
8ABSL Gold ETF1,023
9DSP Gold ETF722
10Mirae Asset Gold ETF521

गोल्ड ETF क्या है?

गोल्ड ETF (Exchange Traded Fund) एक ऐसा निवेश माध्यम है जो सोने की कीमतों से जुड़ा होता है और स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदा-बेचा जा सकता है. यह एक सुरक्षित और आसान तरीका है, जिसमें निवेशकों को फिजीकल सोने को संभालने की चिंता नहीं करनी पड़ती. इसी बजह से ये निवेशकों के बीच लोगप्रिय है.जनवरी 2025 में गोल्ड ETF में 3,751 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था , जो दिसंबर के 640 करोड़ रुपये की तुलना में 6 गुना अधिक है. पिछले 1 साल में गोल्ड ETF ने 39 फीसदी और 3 साल में 18 फीसदी तक सालाना रिटर्न दिया है.

गोल्ड ETF के फायदे

गोल्ड ETF में निवेश के कई फायदे हैं. इसे स्टॉक एक्सचेंज पर कभी भी खरीदा या बेचा जा सकता है, जिससे निवेश और निकासी दोनों आसान हो जाती हैं. इसमें मेकिंग चार्ज या स्टोरेज कॉस्ट जैसी अतिरिक्त लागत नहीं होती, जो फिजिकल सोने की तुलना में इसे सस्ता और अधिक लाभदायक विकल्प बनाती है. इसके अलावा, यह पोर्टफोलियो में विविधता (Diversification) लाने में मदद करता है और जब शेयर बाजार गिरता है, तब भी गोल्ड एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है.

गोल्ड ETF के जोखिम

गोल्ड ETF में कुछ जोखिम भी जुड़े होते हैं. अगर सोने की कीमतें गिरती हैं, तो निवेश की वैल्यू भी घट सकती है, जिससे बाजार की अस्थिरता का असर साफ दिखता है. इसके अलावा, गोल्ड ETF से केवल कैपिटल गेन ही मिलता है, जबकि अन्य निवेश विकल्पों की तरह कोई ब्याज या डिविडेंड नहीं दिया जाता. साथ ही, हर फंड की Expense Ratio अलग होती है, इसलिए निवेश से पहले इसकी लागत और संभावित रिटर्न का आकलन करना जरूरी होता है.