अमेरिकी टैरिफ से इन देशों को होगा सबसे ज्यादा नुकसान, लिस्ट में भारत भी शामिल

अमेरिका में जब से डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हुई है, एक चीज जिसकी चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है, वह है टैरिफ. टैरिफ को लेकर हर कोई चिंतित है. चाहे यूरोप के देश हों या एशिया के, चाहे चीन हो या खुद अमेरिका के पड़ोसी, सब हैरान हैं. सभी यह समझने में उलझे हुए हैं कि आखिर ट्रंप चाहते क्या हैं. इसी बीच, एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि ट्रंप की पॉलिसी से कौन सबसे ज्यादा प्रभावित होगा और किन पर इसका असर कम पड़ने वाला है.

मोदी और ट्रंप Image Credit: Sergio Flores / Stringer

डोनाल्ड ट्रंप की वापसी ने पूरी दुनिया को एक तरह से परेशान कर दिया है. उनकी टैरिफ नीति की चर्चा हर जगह हो रही है. चाहे भारत हो, चीन, कनाडा या मैक्सिको, सभी इससे बचने का तरीका खोज रहे हैं. ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति से अब वे देश भी परेशान हैं, जो कभी अमेरिका के करीबी व्यापारिक साझेदार हुआ करते थे. उनकी नई रणनीति से सिर्फ यूरोप ही नहीं, बल्कि एशिया के कई देश भी असमंजस की स्थिति में हैं. ऐसे में एक रिपोर्ट सामने आई है, जो इन देशों की चिंता और बढ़ा सकती है. आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि इस रिपोर्ट में किन देशों के लिए व्यापारिक चुनौतियां बढ़ने की बात कही गई है.

इन देशों पर होगा सबसे ज्यादा असर

अमेरिका द्वारा आयात पर लगाए गए नए शुल्क का सबसे ज्यादा असर भारत, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड पर पड़ सकता है. रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था अमेरिका पर काफी निर्भर है. अगर अमेरिका ने ज्यादा शुल्क लगाया, तो इन देशों को बड़ा नुकसान हो सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार, वियतनाम, ताइवान, थाईलैंड और दक्षिण कोरिया अमेरिका के बड़े व्यापारिक साझेदार हैं. अगर अमेरिका इन पर शुल्क बढ़ाता है, तो इनकी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा. हालांकि, भारत और जापान की अर्थव्यवस्थाएं घरेलू बाजार पर अधिक निर्भर हैं, इसलिए इन पर प्रभाव तुलनात्मक रूप से कम हो सकता है. फिर भी, भारत, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड पर व्यापारिक शुल्क का सबसे अधिक असर पड़ने की संभावना जताई गई है.

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ट्रंप का सख्त रुख

ट्रंप की वापसी के बाद से उन्होंने सख्त रुख अपनाया हुआ है. वह पहले ही चीन से आयात पर 10 फीसदी अतिरिक्त शुल्क और इस्पात व एल्यूमीनियम पर 25 फीसदी शुल्क लगा चुके हैं. उन्होंने संकेत दिया है कि भारत सहित अन्य व्यापारिक साझेदारों पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा, ट्रंप पहले ही ब्रिक्स देशों को चेतावनी दे चुके हैं, जिसमें चीन और रूस के साथ भारत भी एक अहम सदस्य है.

अगर ट्रंप अपने बयान के मुताबिक और ज्यादा शुल्क लगाते हैं, तो इन देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है. हालांकि, कई विश्लेषकों का मानना है कि यह सिर्फ एकतरफा नुकसान नहीं होगा. दीर्घकालिक रूप से अमेरिका को भी इसका आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.