ये कंपनी बनाएगी रेलवे के लिए कवच, 1,200 ट्रेन की बढ़ेगी सेफ्टी

Indian Railways की तरफ से ट्रेनों को सुरक्षित करने के लिए लंबे समय से कवच स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है. फिलहाल, 1,200 ट्रेन में यह सिस्टम लगाए जाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए रेलवे ने इस कंपनी को यह काम सौंपा है.

देश के ज्यादातर अहम रेल मार्गों पर 2030 तक कवच सिस्टम लगा दिया जाएगा. Image Credit: NurPhoto

पिछले कुछ वर्षों में हुई दुर्घटनाओं के बाद रेलवे कवच सिस्टम को तेजी से अपना रहा है. पिछले दिनों क्वाड्रेंट फ्यूचर टेक लिमिटेड (QFTL) नाम की कंपनी को 1,200 ट्रेन के लिए यह सिस्टम बनाने का काम मिला है. रेलवे सुरक्षा और ट्रेन नियंत्रण एम्बेडेड सिस्टम पर केंद्रित डिजाइन हाउस क्यूएफटीएल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय रेलवे और चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (सीएलडब्ल्यू) से कंपनी को 1,200 इंजनों पर कवच प्रणाली लगाने का ऑर्डर मिला है. इस काम पर रेलवे की तरफ से 978.60 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

कवच सिसटम भारत की स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) तकनीक पर आधारित है. इसे ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने, मानवीय चूक से होने वाली दुर्घटनाओं को घटाने और ट्रेन संचालन को आसान बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. क्वाड्रेंट फ्यूचर टेक को मिला यह अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है. क्वाड्रेंट फ्यूचर टेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मोहित वोहरा का कहना है कि उनकी कंपनी को रेलवे के साथ काम करने का चार वर्ष का अनुभव है.

भारत बनेगा ग्लोबल लीडर

कवच सिस्टम को लेकर वोहरा ने कहा कि उन्हें जो ऑर्डर मिला है, उसकी डिलिवरी अगले वर्ष से शुरू कर दी जाएगी. कंपनी का जोर इस बात पर है कि ट्रेनों में कवच का इंस्टालेशन यातायात को प्रभावित किए बिना किया जाए. इसके अलावा किसी भी स्तर पर गुणवत्ता से समझौता नहीं हो. वोहरा का कहना है कि इस परियोजना से यात्री सुरक्षा को बढ़ाने और भारत को रेलवे प्रौद्योगिकी में ग्लोबल लीडर बनाने में मदद मिलेगी.


क्वाड्रंट फ्यूचर टेक लिमिटेड

2015 में स्थापित क्वाड्रंट फ्यूचर टेक लिमिटेड रेलवे के लिए परिवहन प्रौद्योगिकी और सुरक्षा प्रणालियों के साथ-साथ विशेष केबलों के निर्माण में महारत है। कवच जैसे ट्रेन सुरक्षा समाधानों पर मजबूत ध्यान देने के साथ, QFTL वैश्विक स्तर पर रेलवे नेटवर्क की परिचालन सुरक्षा, दक्षता और विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

क्या है कवच 4.0

यह कवच का नया संस्करण है. इसे जुलाई में सफल परीक्षण के बाद अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन ने इसके इस्तेमाल की सिफारिश की है. पश्चिम मध्य रेलवे में कोटा और सवाई माधोपुर के बीच 108 किलोमीटर के ट्रैक और यहां चलने वाली ट्रेनों पर इसका सबसे पहले इस्तेमाल किया गया है. 2030 तक सभी प्रमुख ट्रैक पर कवच के इस संस्करण का इस्तेमाल होने लगेगा. फिलहाल, दिल्ली-चेन्नई और मुंबई-चेन्नई के बीच कुल 9,090 किलोमीटर के ट्रैक और ट्रेन पर कवच लगाने की तैयारी की जा रही है.