ये है 237 साल पुराना साबुन, लक्स-लाइफ बाय भी नहीं तोड़ पाए बादशाहत
HUL जो पीयर्स साबुन का मालिक है. वह अपने शेयरधारकों को बड़ा डिविडेंड देने जा रही है. कंपनी जल्द ही प्रति शेयर 19 रुपये का डिविडेंड देगी. ऐसे में आइए जानते है 237 साल पुराना साबुन के बारे में, जिसकी बादशाहत लक्स-लाइफ बाय भी नहीं तोड़ पाए.
साबुन का इस्तेमाल लगभग सभी लोग करते है. सबका अपना अपना फेवरेट ब्रांड भी होगा. एक ऐसा ही साबुन है, जिसका नाम पीयर्स है. यह साबुन अपनी पारदर्शिता और ग्लिसरीन सामग्री के लिए जाना जाता है. यह त्वचा को नरम और मुलायम बनाता है. इस साबुन का अपना ही पुराना इतिहास है. भारत में कई ब्रांड की साबुन मौजूद है, लेकिन शायद ही कोई ऐसा होगा जो पीयर्स को नहीं जानता हो. ऐसे में आइए जानते है 237 साल पुराना साबुन के बारे में, जिसकी बादशाहत लक्स-लाइफ बाय भी नहीं तोड़ पाए.
डिविडेंड देने जा रही कंपनी
दरअसल, HUL जो पीयर्स साबुन का मालिक है. वह अपने शेयरधारकों को बड़ा डिविडेंड देने जा रही है. कंपनी जल्द ही प्रति शेयर 19 रुपये का डिविडेंड देगी. यही नहीं साथ ही 10 रुपये प्रति शेयर का स्पेशल डिविडेंड भी दिया जाएगा. 28 अक्टूबर तक, HUL के शेयरों में पिछले एक महीने में 13 फीसदी से अधिक का सुधार देखा गया है.
ऐसे हुई थी कंपनी की शुरुआत
पीयर्स साबुन की शुरुआत साल 1807 में लंदन के ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट पर एंड्रयू पीयर्स नाम के शख्स ने की थी. ध्यान देने वाली बात यह है कि यह दुनिया का पहला ट्रांसपेरेंट साबुन है. एंड्रयू पीयर्स एक ऐसा साबुन बनाया था जो लंबे समय तक चले. साल 1835 में, एंड्रयू पीयर्स ने अपने पोते पीयर्स में पार्टनर बनाया. इसके बाद साल 1838 में एंड्रयू पीयर्स ने इस कारोबार से निकल गए. पीयर्स ने अपने पोते को लंदन स्थित इस फर्म ए एंड एफ पीयर्स का कारोबार सौंप दिया. फिर कहानी में एंट्री होती है लीवर ब्रदर्स (अब यूनिलीवर) की. साल 1917 में लीवर ब्रदर्स (अब यूनिलीवर) ने इस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया.
क्या है आगे का प्लान?
फेमस साबुन पीयर्स को वर्तमान में भारत और सऊदी अरब में तैयार किया जाता है. Marketing 91 के मुताबिक Pears साबुन की बाजार में अच्छी पकड़ है. यह हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) का एक प्रमुख ब्रांड है. भारतीय साबुन बाजार में इसकी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है. कंपनी की साल 2027 तक 4,763.6 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. पीयर्स साबुन की सफलता के पीछे कई कारण हैं. इसमें कंपनी की क्वालिटी और विश्वसनीयता है.