होली पर होगा 60,000 करोड़ का कारोबार, पिछले साल से 20 फीसदी ज्यादा होने की उम्मीद
होली को लेकर लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं और व्यापारियों को भी इस बार काफी उम्मीदें हैं. देशभर में 14 मार्च को धूमधाम से होली मनाई जाएगी, जिससे 60,000 करोड़ रुपये के कारोबार की संभावना जताई जा रही है. माना जा रहा है कि इस साल कारोबार में 20 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. पिछले साल होली के मौके पर 50,000 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था.
Holi 2025: होली शुक्रवार, 14 मार्च को मनाई जाएगी. इस त्योहार को लेकर कारोबारियों को काफी उम्मीदें हैं. रंगों के त्योहार से पहले ही लोग खरीदारी के लिए निकल पड़े हैं और रंग, कपड़े, सामान, मिठाइयां आदि खरीद रहे हैं. अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) के अनुमान के अनुसार, इस वर्ष होली के मौके पर 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष के 50,000 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 20 फीसदी अधिक है.
CAIT के महासचिव और चांदनी चौक से भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, होली से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की संभावना है, जिससे स्थानीय व्यवसायों, छोटे व्यापारियों, लघु उद्योगों और विशेष रूप से MSME सेक्टर को लाभ होगा. इस बार का होली उत्सव देशभर के व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है.
दिल्ली में 8,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद
CAIT के आंकड़ों के अनुसार, अकेले दिल्ली में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होने की संभावना है. इस साल दिल्ली और पूरे देश में बड़े पैमाने पर होली समारोह आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे बैंक्वेट हॉल, फार्महाउस, होटल, रेस्तरां और सार्वजनिक पार्क जैसे स्थानों की मांग काफी बढ़ गई है.
इनमें से अधिकांश स्थान पूरी तरह बुक हो चुके हैं. खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली में व्यापारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संस्थाओं द्वारा अलग-अलग स्तर पर 3,000 से अधिक होली मिलन समारोह आयोजित किए जा रहे हैं.
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चीनी सामान का बहिष्कार
खंडेलवाल ने कहा कि अन्य वर्षों की तरह इस वर्ष भी होली की खरीदारी में व्यापारियों और ग्राहकों ने चीनी सामान का बहिष्कार किया है. इसके बजाय, भारत में निर्मित हर्बल रंग, गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे, चंदन, पूजा सामग्री, कपड़े और अन्य सामान ही बड़े पैमाने पर बेचे जा रहे हैं. इसके अलावा, मिठाइयां, सूखे मेवे, गिफ्ट आइटम, फूल और फल, कपड़े, फर्निशिंग फैब्रिक, किराने का सामान, FMCG प्रोडक्ट्स और कई अन्य वस्तुओं की बाजार में जबरदस्त मांग बनी हुई है.