TikTok Ban In US: कौन है टिकटॉक का मालिक जो नहीं झुका ट्रंप के सामने, 6 साल में कैसे बंद हुई कंपनी की दुकान
अमेरिका में TikTok को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है, जिसने लाखों यूजर्स को चौंका दिया है. ऐप को अमेरिका में बैन कर दिया गया है. हालांकि इनके पास बचने के रास्ते थे लेकिन कंपनी ने उस फैसले के सामने घुटन नहीं टेके. जानिए क्या हुआ ऐसा कि TikTok पर संकट गहरा गया.
TikTok Ban In US: कौन है टिकटॉक का मालिक जो नहीं झुका ट्रंप के सामने, 6 साल में कैसे बंद हुई कंपनी की दुकानजून 2020 में भारत सरकार ने TikTok सहित कई चीनी ऐप्स को बैन कर दिया था, यह कहते हुए कि वे देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं. अब अमेरिका में भी इस ऐप पर गाज गिर चुकी है. अमेरिका में भी इसी तरह की कार्रवाई हुई है. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 17 जनवरी 2025 को TikTok पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को बरकरार रखा, जिससे यह लोकप्रिय चीनी ऐप 19 जनवरी 2025 से पूरी तरह बंद हो गया.
हालांकि खुद को बाजार में बचाए रखने का कंपनी के पास कई मौके थे. चाहे डोनाल्ड ट्रंप की सरकार हो या जो बाइडन की, दोनों सरकारों की यही शर्त थी कि अगर TikTok की मूल कंपनी ByteDance इसे किसी अमेरिकी मालिक को बेच देती तो इस ऐप से मुश्किल के बादल छंट जाएंगे. लेकिन कंपनी के मालिक ने कभी भी इन शर्तों के आगे घुटने नहीं टेके. इस आर्टिकल में हम आपको टिकटॉक की उन घटनाओं से रूबरू कराएंगे जब-जब वह अपने शीर्ष पर था और जब-जब कटघरे में.
“Sorry, TikTok isn’t available right now.”
शनिवार देर रात अमेरिका में TikTok यूजर्स के लिए एक बड़ा झटका तब लगा जब यह ऐप अचानक काम करना बंद कर दिया. TikTok ने खुद स्वेच्छा से अपनी सेवा रोक दी. रविवार को जब अमेरिकी यूजर्स ने ऐप खोला, तो उन्हें एक संदेश मिला – “Sorry, TikTok isn’t available right now.” यानी “माफी, टिकटॉक अब उपलब्ध नहीं है.”
इसके अलावा, ऐप अब ऐप्पल और गूगल प्ले स्टोर से भी हटा दिया गया है. TikTok ने कहा कि यह बैन अमेरिका में पारित एक कानून के वजह से हुआ है. यह बदलाव तब आया जब देश अपने नए राष्ट्रपति के शपथ समारोह से महज एक दिन दूर है. डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे.
ऐप ने अपने संदेश में यह भी संकेत दिया कि डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले में दखल देने की बात कही है और TikTok को वापस लाने के लिए संभावित समाधान पर काम कर सकते हैं. हालांकि, यह साफ नहीं है कि TikTok कब तक अमेरिका में दोबारा लौट सकेगा.
TikTok की शुरुआत और इसकी बढ़ती लोकप्रियता
साल 2016 में चीन की कंपनी ByteDance ने Douyin नाम के ऐप से शुरुआत की थी. इस ऐप को बाद में अंतरराष्ट्रीय बाजार में TikTok के रूप में लॉन्च किया गया. इससे पहले, 2014 में एक अन्य ऐप Musical.ly काफी लोकप्रिय था, जो लिप-सिंक वीडियो के लिए जाना जाता था. 2017 में ByteDance ने Musical.ly को 1 बिलियन डॉलर में खरीदा और 2018 में इसे TikTok में मिला दिया. इस कदम से TikTok को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली और यह तेजी से लोकप्रिय होने लगा. इसी साल यानी 2018 में ऐप ने अमेरिका में एंट्री की. 2019 तक, TikTok दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया. SensorTower ने अपने रिपोर्ट में बताया कि टिकटॉक दुनिया में दुसरा सबसे अधिक डॉउनलोड किया गया ऐप है.
नेटफ्लिक्स शो ‘ब्रिजर्टन’ से प्रभावित होकर एक फैन ने ‘द अनऑफिशियल ब्रिजर्टन म्यूजिकल’ प्रोजेक्ट टिकटॉक पर शुरू किया. यह प्रोजेक्ट इतना पॉपूलर हुआ कि इसे ‘बेस्ट म्यूजिकल थिएटर एल्बम’ कैटेगरी में ग्रैमी अवार्ड मिला.
कौन है मालिक?
टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस के संस्थापक, 41 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर झांग यिमिंग (Zhang Yiming) हैं. Hurun China Rich List 2024 के मुताबिक यिमिंग 49.3 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ चीन के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं. झांग अपनी निजी जिंदगी को लेकर बेहद गोपनीय माने जाते हैं, और उनके जीवन से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक रूप से बहुत कम उपलब्ध है. लगभग एक दशक तक बाइटडांस का संचालन करने के बाद, झांग ने 2021 में CEO का पद छोड़ दिया था और फिलहाल पद की जिम्मेदारी शौ ज़ी च्यू (Shou Zi Chew) के हाथ में है.
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में TikTok पर पहला बड़ा झटका
2019 में अमेरिका में TikTok को लेकर चिंता बढ़ने लगी. वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि हांगकांग में हो रहे लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों से जुड़े वीडियो TikTok पर नहीं दिखाए जा रहे थे, जबकि बाकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वे मौजूद थे. इसके अलावा, चीनी सरकार के खिलाफ कंटेंट को सेंसर करने के आरोप भी लगे. इसी साल अमेरिकी अधिकारियों ने TikTok के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा जांच शुरू कर दी.
2020 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने TikTok पर प्रतिबंध लगाने की बात कही. सरकार का यह फैसला इस लिए भी लिया गया क्योंकि उनका कहना था कि COVID-19 महामारी का फैलना चीन के लापरवाही का नतीजा है. इस फैसले के साथ ही सरकार ने ByteDance को अमेरिकी ऑपरेशंस को किसी अमेरिकी कंपनी को बेचने का आदेश दिया. इसके बाद Microsoft और Oracle जैसी कंपनियों ने TikTok खरीदने में रुचि दिखाई लेकिन यह डील कभी पूरी नहीं हो सकी. बाद में, जब जो बाइडेन राष्ट्रपति बने तो उन्होंने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया. और साल 2021 में टिकटॉक ने बताया कि उनके पास महीने भर में एक बिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं.
TikTok के खिलाफ डेटा सुरक्षा को लेकर आरोप
2022 में एक रिपोर्ट आई, जिसमें दावा किया गया कि ByteDance के चीन में बैठे कर्मचारी अमेरिकी यूजर्स का डेटा एक्सेस कर सकते हैं. इसके बाद अमेरिकी सरकार ने TikTok को सरकारी फोन से हटाने का आदेश दिया. 2023 में FBI डियरेक्टर क्रिस्टोफर रे (Christopher Wray) ने भी चिंता जाहिर की कि चीन की सरकार TikTok के एल्गोरिदम का इस्तेमाल कर सकती है. FBI और Federal Communications Commission (FCC) ने भी चेतावनी दी कि बाइटडांस चीनी सरकार यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल कर सकते हैं.
दिसंबर 2022 में BuzzFeed ने एक रिपोर्ट जारी की. इसके अनुसार, चीन स्थित बाइटडांस के कर्मचारी बार-बार टिकटॉक यूजर्स की निजी जानकारी एक्सेस करते हैं. कंपनी ने यह दाव टिकटॉक की इंटरनल मीटिंग की 80 से ज्यादा लिक्ड रिकॉर्डिंग के आधार पर किया.
2024 में अमेरिकी कांग्रेस ने एक विधेयक पास किया, जिसमें कहा गया कि अगर बाइटडांस टिकटॉक को किसी अमेरिकी कंपनी को नहीं बेचती तो इसे बैन कर दिया जाएगा. बाइडेन ने इस विधेयक पर अप्रैल 2024 में हस्ताक्षर कर दिए. टिकटॉक और ByteDance ने इस फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन दिसंबर 2024 में अपील कोर्ट ने इस कानून को सही ठहराया.
जनवरी 2025 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से TikTok पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को बरकरार रखा. अदालत ने कहा कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है और ByteDance के चीन से जुड़े होने के वजह से सुरक्षा चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
TikTok का बचाव
TikTok ने हमेशा इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि उसने अमेरिकी यूजर्स का डेटा अमेरिकी टेक कंपनी Oracle के सर्वर में स्टोर करना शुरू कर दिया है. कंपनी का दावा है कि उसका कंटेंट मॉडरेशन अमेरिका में होता है और वह चीन सरकार के अधीन नहीं है. अपने बचाव में TikTok ने अदालत में यह तर्क दिया कि यह प्रतिबंध अमेरिकी संविधान के पहले संशोधनका उल्लंघन करता है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है. हालांकि, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया और बैन को बरकरार रखा.
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और किन देशों में बैन है TikTok?
जून 2020 में भारत ने TikTok सहित 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगाया था. भारत के बाद कई अन्य देशों ने भी TikTok पर कार्रवाई की. कनाडा, यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया ने भी सरकारी कर्मचारियों के फोन से TikTok को बैन कर दिया.
TikTok के बैन का असर सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगा. TikTok के क्रिएटर्स और ब्रांड्स जो इस प्लेटफॉर्म पर निर्भर थे, अब नए विकल्पों की तलाश करेंगे. Instagram Reels, YouTube Shorts और Snapchat Spotlight जैसे प्लेटफॉर्म पहले से ही इस मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं.