दुबई के इस ज्वैलरी ब्रांड के पीछे क्यों पड़ी टाइटन? दूसरी बार खरीदने की कोशिश, जानें- कितने में हो सकती है डील
Tiatan-Damas: टाइटन और दमास के बीच डील के लिए यह दूसरा प्रयास है. कुछ साल पहले हुई बातचीत का पिछला दौर वैल्यूएशन को लेकर उलझ गया था. दुबई हेडक्वार्टर वाले इस ज्वैलरी ब्रॉन्ड में हिस्सेदारी खरदीने में टाइटन इतनी क्यों दिलचस्पी दिखा रही है. आखिर कंपनी की रणनीति क्या है.
Tiatan-Damas: टाटा समूह की वॉच और ज्वैलरी यूनिट टाइटन की नजर वेस्ट एशिया की प्रमुख रिटेल सेलर दमास ज्वैलरी पर टिकी है. कंपनी दमास ज्वैलरी में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए कतर बेस्ड मन्नाई कॉर्प के साथ बातचीत कर रही है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि बातचीत वैल्यूएशन पर केंद्रित है, जिसका अनुमान 4,500 करोड़ रुपये (लगभग 518 मिलियन डॉलर) है, लेकिन अभी तक कोई आम सहमति नहीं बन पाई है. इस अधिग्रहण से जीसीसी क्षेत्र में टाइटन की मौजूदगी गल्फ कॉपरेशन काउंसिल (GCC) में बढ़ेगी. पिछली बातचीत वैल्यूएशन विवादों के कारण असफल रही थी, लेकिन नए सिरे से बातचीत से टाइटन की मजबूत दिलचस्पी का संकेत मिलता है.
हिस्सेदारी खरीदने का दूसरा प्रयास
ईटी के अनुसार, टाइटन और दमास के बीच डील के लिए यह दूसरा प्रयास है. कुछ साल पहले हुई बातचीत का पिछला दौर वैल्यूएशन को लेकर उलझ गया था. नए सिरे से शुरू हुई बातचीत से पता चलता है कि टाइटन की पश्चिम एशियाई आभूषण बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ाने में दिलचस्पी बनी हुई है, जो उसके ग्लोबल महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप है.
तनिष्क का बिजनेस प्लान
ईटी के अनुसार, मामले से परिचित एक व्यक्ति ने बताया कि मन्नई कॉर्प पिछले दो सालों से दमास को बेचने की कोशिश कर रही है. इससे पहले, दक्षिण भारत के दो प्रमुख ज्वैलर्स के साथ बातचीत सफल नहीं हुई थी. तनिष्क के साथ बातचीत एक साल पहले शुरू हुई थी.
टाइटन का आभूषण ब्रांड तनिष्क GCC क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है, जिसने जनवरी में दुबई के गोल्ड सूक में अपना प्रमुख स्टोर खोला है. इसकी दोहा, शारजाह और अबू धाबी में भी मौजूदगी है. जबकि तनिष्क मुख्य रूप से यूएई में भारतीय प्रवासियों को सर्विस प्रोवाइड करता है. हालांकि, अब इसने अन्य ग्राहकों के लिए भी आभूषण डिजाइन करना शुरू कर दिया है.
टाइटन का आभूषण डिविजन
टाइटन के आभूषण डिविजन में इसका प्रमुख ब्रांड तनिष्क, जोया, कैरेटलेन और मिया बाय तनिष्क शामिल हैं. वित्त वर्ष 24 में इस डिविजन ने कुल आय में 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की थी, जो 38,353 करोड़ रुपये था. आभूषणों के अलावा टाइटन के पोर्टफोलियो में 58,447 करोड़ रुपये ($6.73 अरब) टाइटन के पास पहनने वेरबल, फ्रेगरेंस और फैशन के सामान शामिल हैं.
दमास का कारोबार
1907 में शुरू हुई दमास GCC में 300 स्टोर ऑपरेट करती है और 2,000 से अधिक लोगों को रोजगार देती है. इसके पोर्टफोलियो में इन-हाउस कलेक्शन के साथ-साथ ग्राफ, जूला, रॉबर्टो कॉइन और मिकिमोटो जैसे ब्रांड शामिल हैं. वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में, दमास ने 1,043 मिलियन कतरी रियाल (2,487 करोड़ रुपये) का रेवेन्यू और 3 मिलियन कतरी रियाल (7 करोड़ रुपये) का नेट प्रॉफिट दर्ज किया था.
टाइटन की रणनीति
अगर टाइटन दमास का अधिग्रहण करता है, तो यह GCC क्षेत्र में तनिष्क की पकड़ को काफी मजबूत करेगा. संभावित अधिग्रहण टाइटन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने, स्थापित लक्जरी मार्केट तक पहुंच और अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की रणनीति के अनुरूप है.
यूएई सोने के आभूषणों के लिए दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा बाजार है और 2023 तक प्रति व्यक्ति सोने के आभूषणों की खपत 5.07 ग्राम के साथ दूसरे स्थान पर है, जो हांगकांग के बाद सबसे अधिक 5.12 ग्राम है. दुबई में हेडक्वार्टर वाली दमास अप्रैल 2012 में अधिग्रहण के बाद से मन्नाई कॉर्प के पूर्ण स्वामित्व में है. कतर का यह समूह पिछले दो वर्षों से आभूषण रिटेल विक्रेता को बेचने की कोशिश कर रहा है.