लगातार 2 दिन चढ़ने के बाद फिर गिरा सोने का भाव, चांदी भी सस्ती
सोने की कीमत में फिर से गिरावट शुरू हो गई है. खास बात यह है कि इस हफ्ते लगातार दो दिन यानी सोमवार और मंगलवार को सोने के रेट में इजाफा हुआ था. लेकिन बुधवार को सोना फिर से सस्ता हो गया. साथ ही चांदी की कीमत भी गिरी है.
दो दिनों तक लगातार बढ़ोतरी के बाद एक बार फिर से सोने की कीमत में गिरावट दर्ज की गई. बुधवार को सोना 150 रुपये गिरकर 77,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर गया. वहीं, चांदी में 500 रुपये की गिरावट आई है. इससे शादी-ब्याह के लिए ज्वैलरी की खरीदारी करने वालों के चेहरे खिल गए. स्थानीय बाजार सूत्रों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोरी के रुख के बीच बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत में गिरावट आई है.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 78,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. वहीं, सिक्का निर्माताओं और औद्योगिक इकाइयों की ओर से कमजोर उठान के कारण चांदी भी 500 रुपये गिरकर 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई. पिछले सत्र में यह 93,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी.
सोने की कीमत में गिरावट
इसी तरह 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 150 रुपये गिरकर 77,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई, जबकि मंगलवार को इसका पिछला बंद भाव 77,650 रुपये प्रति 10 ग्राम था. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के कारण बुधवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) सुबह के सत्र में कारोबार के लिए बंद रहा. एक्सचेंज शाम के सत्र में 5 से 11.55 बजे तक कारोबार कर रहा है.
वायदा कारोबार में गोल्ड का रेट
एमसीएक्स पर वायदा कारोबार में दिसंबर डिलीवरी वाले सोने के अनुबंध शाम के सत्र में 127 रुपये या 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75,460 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहे हैं. शाम के सत्र में दिसंबर डिलीवरी वाले चांदी के अनुबंध 889 रुपये या 0.98 प्रतिशत की गिरावट के साथ 89,731 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गए. वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स सोना वायदा 6 डॉलर प्रति औंस या 0.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,625 डॉलर प्रति औंस पर आ गया.
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कमोडिटी विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) द्वारा कम आक्रामक मोनेटरी पालिसी में ढील की उम्मीदों के कारण यूरोपीय सत्र के पहले हिस्से में सोने की कीमत में गिरावट आई है. बदले में, इसे पीली धातु से प्रवाह को दूर करने वाले एक प्रमुख कारक के रूप में देखा जाता है. उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव से कीमती धातु को कुछ समर्थन मिल सकता है और कुछ नुकसान कम हो सकता है.
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