ताबड़तोड़ कमाई कर रहे टोल प्लाजा, 5 साल में किया 14 हजार करोड़ का कलेक्शन
देश के टॉप 10 टोल प्लाजा ने पिछले 5 साल में 14 हजार करोड़ रुपये इकट्ठा किए हैं. ये टोल प्लाजा अलग-अलग बड़े रास्तों पर हैं. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने लोकसभा में 20 मार्च को ये जानकारी दी. सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाला टोल प्लाजा भरथना में है.
देश के टॉप 10 टोल प्लाजा ने पिछले 5 साल में 14 हजार करोड़ रुपये इकट्ठा किए हैं. ये टोल प्लाजा अलग-अलग बड़े रास्तों पर हैं. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने लोकसभा में 20 मार्च को ये जानकारी दी. ग्रैंड ट्रंक रोड दिल्ली-मुंबई को जोड़ने वाली नेशनल हाईवे (एनएच) पूर्वी तट पर चलने वाली एनएच और भारत की सबसे लंबी हाईवे है. सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाला टोल प्लाजा भरथना में है. यह गुजरात में एनएच-48 के वडोदरा-भरूच हिस्से पर है. पिछले 5 साल (2019-20 से 2023-24) में इसने 2,043.81 करोड़ रुपये इकट्ठा किए. 2023-24 में उसने सबसे ज्यादा 472.66 करोड़ रुपये कमाए.
ये राज्य है दूसरे नंबर पर
दूसरे नंबर पर है शाहजहांपुर टोल प्लाजा. यह राजस्थान में है. ये गुरुग्राम-कोटपुतली-जयपुर हिस्से पर एनएच-48 पर है. यह दिल्ली को मुंबई से जोड़ता है. पिछले 5 साल में उसने 1,884.46 करोड़ रुपये कमाए है. तीसरे नंबर पर है जलाधुलागोरी टोल प्लाजा है. यह पश्चिम बंगाल में है. ये एनएच-16 के धनकुनी-खड़गपुर हिस्से पर है. यह देश के पूर्वी तट पर चलता है और गोल्डन क्वाड्रीलेटरल प्रोजेक्ट का हिस्सा है. उसने 5 साल में 1,538.91 करोड़ रुपये इकट्ठा किए है.
उत्तर प्रदेश है लिस्ट में..
वहीं चौथे नंबर पर है बाराजोर टोल प्लाजा है. यह उत्तर प्रदेश में है. ये एनएच-19 के इटावा-चकेरी (कानपुर) हिस्से पर है. यह ग्रैंड ट्रंक रोड का बड़ा हिस्सा है. इसने 5 साल में 1,480.75 करोड़ रुपये कमाए. पांचवें नंबर पर है घरौंडा टोल प्लाजा है. यह हरियाणा में है. ये एनएच-44 के पानीपत-जालंधर हिस्से पर है. यह भारत की सबसे लंबी हाइवे है और श्रीनगर से कन्याकुमारी तक जाती है. इसने 5 साल में 1,314.37 करोड़ रुपये इकट्ठा किए.
टोल प्लाजा | राज्य | हाईवे | पांच साल की वसूली (₹ करोड़ में) |
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भरथाना | गुजरात | NH-48 | 2043.81 |
शाहजहांपुर | राजस्थान | NH-48 | 1894.46 |
जलधुलागोरी | पश्चिम बंगाल | NH-16 | 1538.31 |
बारजोर | उत्तर प्रदेश | NH-19 | 1480.75 |
घरोण्डा | हरियाणा | NH-44 | 1314.37 |
चौरासी | गुजरात | NH-48 | 1272.57 |
जयपुर प्लाजा | राजस्थान | NH-48 | 1611.19 |
कृष्णगिरी थोपुर | तमिलनाडु | NH-44 | 1124.18 |
नवाबगंज | उत्तर प्रदेश | NH-25 | 1096.91 |
सासाराम | बिहार | NH-2 | 1071.36 |
पिछले पांच वित्तीय वर्षों में सभी टोल प्लाजा द्वारा कुल वसूली | 13,998.51 रुपए |
बाकी टॉप-10 टोल प्लाजा में छठे नंबर पर है चौर्यासी (गुजरात, भरूच-सूरत, एनएच-48) है. सातवें पर ठिकरिया/जयपुर प्लाजा (राजस्थान, जयपुर-किशनगढ़, एनएच-48) है. आठवें पर एलएंडटी कृष्णागिरी थोपपुर (तमिलनाडु, कृष्णागिरी-थुम्बा पदी, एनएच-44) है. नौवें पर नवाबगंज (उत्तर प्रदेश, कानपुर-अयोध्या, एनएच-25) है. और दसवें पर सासाराम (बिहार, वाराणसी-औरंगाबाद है.
राज्य | टोल राजस्व (₹ करोड़ में) |
---|---|
उत्तर प्रदेश | 22,914 |
राजस्थान | 20,308 |
गुजरात | 18,717 |
तमिलनाडु | 15,415 |
कर्नाटक | 13,242 |
अलग-अलग हिस्सों में फैले हैं टोल प्लाजा
इन टॉप-10 टोल प्लाजा में गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से दो-दो प्लाजा हैं. हरियाणा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और बिहार से एक-एक प्लाजा है. ये सभी बड़े हाइवे पर हैं और लोगों से टोल के रूप में बहुत सारा पैसा इकट्ठा करते हैं. ये टोल प्लाजा देश के अलग-अलग हिस्सों में फैले हैं. सड़कों को बेहतर बनाने के लिए पैसा जुटाते हैं. हर साल उनकी कमाई बढ़ रही है. भरथना टोल प्लाजा सबसे आगे है. यह गुजरात में है और हर साल सैकड़ों करोड़ रुपये कमाता है.