फेल हो रही ‘उड़ान’ सरकार ने खड़े किए भव्य एयरपोर्ट, न यात्री मिल रहे न एयरलाइन!

रीजनल एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार उडान योजना के तहत नए एयरपोर्ट बना रही है. लेकिन, यात्रियों की मांग और एयरलाइन्स के सब्र की कमी से यह योजना नाकाम होती दिख रही है. कुशीनगर और सिंधुदुर्ग जैसे एयरर्पोट पर नाममात्र का एयर ट्रैफिक आना बताता है कि केवल बुनियादी ढांचे से डिमांड खड़ी नहीं हो सकती है.

कुशीनगर एयरपोर्ट Image Credit: PTI

छोटे शहरों के लिए एयर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत देशभर में नए एयरपोर्ट बन रहे हैं. लेकिन, सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की कामयाबी में कई बाधाएं आ रही हैं. ये एयरपोर्ट न तो यात्री आकर्षित कर पा रहे हैं और न यहां एयरलाइन्स उड़ानों की संख्या बढ़ाना चाहती हैं. यात्रियों और उड़ानों की कमी की वजह से कुछ हवाई अड्डे तो भूतहा बन गए हैं.

बुनियादी ढांचे में भारी निवेश के बावजूद, उत्तर प्रदेश में कुशीनगर और महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग जैसे नए हवाई अड्डे काफी हद तक निष्क्रिय बने हुए हैं, क्योंकि एयरलाइंस कम यात्री मांग का हवाला देते हुए परिचालन कम कर रही हैं. मिसाल के तौर पर केंद्र शासित प्रदेश पांडिचेरी में इस साल लगातार आठ महीनों तक एक भी निर्धारित उड़ान नहीं हुई है.

कुशीनगर हवाई अड्डे पर अप्रैल से उड़ानें बंद

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 20 दिसंबर को 8 महीनों में पहली बार यहां बेंगलुरु से 78 सीटों वाली टर्बोप्रॉप फ्लाइट एयरपोर्ट पर उतरी. अक्टूबर 2021 में सरकार के महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचे के तहत 12 ग्रीनफील्ड परियोजनाओं में से एक के तौर पर शुरू किए गए कुशीनगर हवाई अड्डे पर अप्रैल से उड़ानें बंद हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश और पड़ोसी बिहार को जोड़ने के लिए बनाए गए इस हवाई अड्डे से बौद्ध तीर्थयात्रियों को भी सेवा मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह बेकार पड़ा है.

ज्यादातर नए एयरपोर्ट का हाल खराब

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि कई नए हवाई अड्डों, जैसे कि कुरनूल (आंध्र प्रदेश), पाकयोंग (सिक्किम) और सिंधुदुर्ग (महाराष्ट्र) का भी यही हश्र हुआ है. महाराष्ट्र में सोलापुर हवाई अड्डा, 65 करोड़ रुपये की लागत से नवीकरण के बाद भी निष्क्रिय बना हुआ है.

एयरलाइन्स ने पीछे हटाए कदम

सिंधुदुर्ग का उद्देश्य इसके प्राचीन समुद्र तटों के साथ गोवा के तटीय पर्यटन को टक्कर देना था, कुशीनगर का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना था. लेकिन मांग और संचालन से जुड़ी व्यावहारिक समस्याओं के चलते स्पाइसजेट और एलायंस एयर जैसी एयरलाइन संचालन से पीछे हट रही हैं.