बड़े व्यापारियों के लिए UPI पर लग सकता है चार्ज, सरकार कर रही है MDR बहाल करने पर विचार

सरकार UPI और RuPay डेबिट कार्ड पर MDR चार्ज दोबारा लागू करने पर विचार कर रही है, जिससे बड़े व्यापारियों को शुल्क देना पड़ सकता है. इससे बैंकों और फिनटेक कंपनियों की वित्तीय स्थिरता बनी रहेगी, लेकिन डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की नीति पर असर पड़ सकता है. छोटे व्यापारियों के लिए UPI पहले की तरह मुफ्त रहेगा.

सरकार UPI और RuPay डेबिट कार्ड पर MDR चार्ज दोबारा लागू करने पर विचार कर रही है. Image Credit: TV9

Merchant Discount Rate: सरकार फिर से UPI और RuPay डेबिट कार्ड पेमेंट्स पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) लगाने पर विचार कर रही है. फिलहाल, ये पेमेंट्स मुफ्त हैं, लेकिन बैंक चाहते हैं कि बड़े व्यापारियों से चार्ज लिया जाए. UPI ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए सरकार चाहती है कि इसका कुछ खर्च बड़े व्यापारी भी उठाएं. 2025-26 के बजट में सरकार ने पेमेंट सब्सिडी घटाकर 3,500 करोड़ से 437 करोड़ रुपये कर दी है, जिससे बैंकों को नुकसान हो रहा है.

किन लोगों पर लगेगा चार्ज?

अगर बैंकों की मांग मानी गई तो जिन व्यापारियों की सालाना आय 40 लाख रुपये से ज्यादा है, उन्हें MDR देना पड़ सकता है. हालांकि, छोटे व्यापारियों के लिए UPI पहले की तरह फ्री रहेगा. बड़े व्यापारियों के लिए अलग-अलग स्तर (टियर) के हिसाब से चार्ज हो सकता है.


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MDR क्यों जरूरी है?

बड़े व्यापारी पहले से ही Visa, Mastercard और क्रेडिट कार्ड पर MDR का पेमेंट करते हैं, इसलिए UPI पर भी चार्ज लगाना तर्कसंगत माना जा रहा है. इससे फिनटेक कंपनियों को पेमेंट प्रोसेसिंग का खर्च निकालने में मदद मिलेगी और उनका बिजनेस आर्थिक रूप से टिकाऊ रहेगा. सरकार ने पेमेंट सब्सिडी में भारी कटौती की है, जिससे बैंकों को नुकसान हो रहा है. इसके अलावा, डिजिटल पेमेंट से बैंकों और फिनटेक कंपनियों को रेवेन्यू का घाटा हो रही है, क्योंकि अभी UPI पर कोई फीस नहीं लिया जाता है.

मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) क्या है?

मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) वह शुल्क है जो व्यापारियों और अन्य व्यवसायों को भुगतान प्रोसेसिंग कंपनी को डेबिट या क्रेडिट कार्ड लेन-देन पर देना पड़ता है. यह शुल्क आमतौर पर लेन-देन की राशि का एक निश्चित प्रतिशत होता है. इसे ट्रांजेक्शन डिस्काउंट रेट (TDR) या डिस्काउंट रेट भी कहा जाता है.