RBI ने बदले नियम, शहरी सहकारी बैंकों को मिलेगी ज्यादा आजादी, होम लोन देने की बढ़ेगी सीमा

रिजर्व बैंक (RBI) ने शहरी सहकारी बैंकों के कर्ज के एक्सपोजर व रिस्क के नियमों बदलाव किया है. इससे इन बैंकों के कामकाज का दायरा बढ़ेगा और खासतौर पर होम लोने बांटने की सीमा बढ़ेगी.

भारतीय रिजर्व बैंक Image Credit: Sonu Mehta/HT via Getty Images

भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि शहरी सहकारी बैंकों को ज्यादा होम लोन देने की स्वतंत्रता देने का फैसला किया है. रिजर्व बैंक ने इस संबंध में एक स्टेटमेंट जारी कर बताया कि शहरी सहकारी बैंकों की तरफ से आम लोगों को दिए जाने वाले होम लोन की सीमा अब इन बैंकों के कुल दिए गए कर्ज के 25 फीसदी तक हो सकती है.

रिजर्व बैंक ने कहा कि यह फैसला शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) को ऑपरेशनल आजादी देने क लिए उठाया गया है. रिजर्व बैंक के मौजूदा निर्देशों के मुताबिक होम लोन, अचल संपत्ति और वाणिज्यिक अचल संपत्तियों के यूसीबी का कुल रिस्क एक्सपोजर उसकी कुल संपत्ति के 10 फीसदी तक हो सकता है. इसके साथ ही लोगों को होम लोन देने के लिए 10 फीसदी की सीमा को कुल संपत्ति के अतिरिक्त पांच प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है.

नए नियमों के तहत अब यह सीमा 25 फीसदी तक होगी. रिजर्व बैंक का कहना है कि नियामकीय उद्देश्यों को कमजोर किए बिना यूसीबी को अधिक ऑपरेशनल ताकत देने के लिए यह बदलाव किए गए हैं. नई सीमा को कुशलता से लागू करने के लिए रिजर्व बैंक की तरफ से छोटे कर्ज की परिभाषा को भी संशोधित करने का फैसला गया है.

छोटे कर्ज की परिभाषा

रिजर्व बैंक ने अपने स्टेटमेंट में बताया कि इस मामले की समीक्षा के बाद छोटे कर्ज की परिभाषा को बदल दिया गया है. 25 लाख रुपये या बैंकों की टियर-1 पूंजी का 0.4 फीसदी जो भी अधिक हो अब छोटा कर्ज कहलाएगा. इसके साथ ही यह भी तय कर्ज की अधिकतम सीमा प्रति उधारकर्ता 3 करोड़ रुपये होगी.

ये शर्तें करनी होंगी पूरी

इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि शहरी सहकारी बैंकों को निर्धारित ग्लाइड पाथ का पालन करना जरूरी होगा, जिसके तहत 31 मार्च, 2026 तक उनके कुल ऋणों और अग्रिमों का कम से कम 50 फीसदी हिस्सा छोटे कर्ज का होना चाहिए. इसके साथ ही कहा गया है कि प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत होने योग्य क्षेत्रों को छोड़कर, होम लोन में यूसीबी का कुल जोखिम उसके कुल ऋणों और अग्रिमों के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए.