अमेरिका ने चीन पर लगा दिया 104 फीसदी टैरिफ, ट्रंप ने दी थी चेतावनी

US Tariff on China: अमेरिका-चीन के बीच संघर्ष अब तीखा होता जा रहा है. व्हाइट हाउस ने चीन के प्रोडक्ट के आयात पर टैरिफ के एक नए राउंड की पुष्टि कर दी है. दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच चल रहे गतिरोध में अतिरिक्त टैरिफ अस्थिर नए अध्याय का संकेत है.

अमेरिका ने चीन को दिया झटका. Image Credit: Tv9 Network

US Tariff on China: अमेरिका ने चीन पर 104 फीसदी टैरिफ लगाने की पुष्टि कर दी है. व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया कि संयुक्त राज्य अमेरिका चीन से अमेरिका इंपोर्ट किए जाने वाले प्रोडक्ट्स पर 104 फीसदी का टैरिफ लगाया जाएगा. यह टैरिफ 9 अप्रैल से प्रभावी होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार 7 अप्रैल को चीन को चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर चीन अपने 34 फीसदी टैरिफ को वापस नहीं लेता, तो अमेरिका उसपर अतिरिक्त 50 फीसदी का टैरिफ लगाएगा.

लागू हुआ अतिरिक्त टैरिफ

फॉक्स बिजनेस के रिपोर्टर एडवर्ड लॉरेंस के अनुसार, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने ऐलान किया कि चीन के अपने रिटेलियेटरी उपायों को हटाने से इनकार करने के बाद, 8 अप्रैल को दोपहर 12 बजे कुछ चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त 104 फीसदी टैरिफ लागू हो गया.

बढ़ सकता है दोनों देशों के बीच तनाव

यह टैरिफ वॉर में एक नाटकीय बढ़ोतरी है. क्योंकि यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद आया है. ट्रंप ने कहा था कि अगर चीन ने अपने 34 फीसदी प्रतिशोधी शुल्क वापस नहीं लिए तो दंडात्मक उपाय लागू किए जाएंगे. चीन के अपने फैसले पर अड़े रहने के बाद, अमेरिका ने एक ऐसे उपाय के साथ जवाब दिया, जिससे तनाव बढ़ सकता है. पहले से ही संकट से घिरे वैश्विक बाजारों पर अमेरिका ने अब एक नया दबाव डाल दिया है.

चीन ने कहा था- हम तैयार हैं

ट्रंप की चेतावनी के बाद चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका के इस कदम की तीखी आलोचना करते हुए इसे ‘एक गलती के ऊपर एक गलती’ कहा था कि वो अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ अंत तक लड़ता रहेगा. दोनों देशों के बीच टैरिफ के जबाव में टैरिफ अब एक लंबे आर्थिक टकराव का रूप ले रहा है.

शुरुआती 34 फीसदी अमेरिकी टैरिफ के जवाब में, चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर 34 फीसदी पारस्परिक टैरिफ की घोषणा की है, जो 10 अप्रैल से प्रभावी होगी. चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाएगा और उसने अमेरिका पर टैरिफ बढ़ाने और आर्थिक दबाव बनाने का आरोप लगाया था.

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