US फेड ने ब्याज दर में नहीं की कटौती, महंगाई बढ़ने का अनुमान; घटा दिया ग्रोथ रेट… टैरिफ को बताया जिम्मेदार

US Fed Meeting: 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से अमेरिकी केंद्रीय बैंक का ब्याज दर पर यह पहला फैसला है. रेट तय करने वाले पैनल ने यह भी कहा कि महंगाई दर बढ़ने वाली है. ग्रोथ दर में भी कटौती की है.

फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल (फाइल फोटो) Image Credit: US FED

US Fed Meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ बढ़ोतरी के चलते अमेरिकी अर्थव्यवस्था को खतरा पैदा करने वाली महंगाई दर के जोखिमों के बीच यूएस फेडरल रिजर्व अपनी पॉलिसी फैसले का ऐलान कर दिया. फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. साथ ही फेड रिजर्व ने आने वाली महंगाई के लिए कमर कस ली है. उसका कहना है कि महंगाई के पीछे टैरिफ बड़ा फैक्टर है. सबसे बड़ी बात की ग्रोथ दर में भी कटौती की है. कुल मिलाकर फेड के फैसले और बयाने से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिका में भारी ‘आर्थिक अनिश्चितता’ का माहौल है.

टार्गेट रेंज में कोई बदलाव नहीं

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बेंचमार्क दर को 4.25 फीसदी से 4.5 फीसदी के टार्गेट रेंज में कोई बदलाव नहीं किया है. FOMC ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में आर्थिक आउटलुक के बारे में ‘अनिश्चितता’ बढ़ गई है. रेट तय करने वाले पैनल ने यह भी कहा कि महंगाई दर बढ़ने वाली है.

फेड ने 2025 के लिए अपनी ग्रोथ रेट के अनुमान में भी कटौती की है और महंगाई दर के अपने पूर्वानुमानों में बढ़ा दिया है. जबकि इस वर्ष दो बार ब्याज दरों में कटौती की योजना बनाई है, जो कि दिसंबर में उनके पिछले अनुमान के मुताबिक है.

महंगाई के लिए टैरिफ जिम्मेदार

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि टैरिफ महंगाई दर के अनुमान को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं. पॉवेल ने कहा कि महंगाई दर 2 फीसदी के लक्ष्य के मुकाबले ऊंची बनी हुई है. अमेरिकी फेड ने आर्थिक गतिविधि की समीक्षा के बाद पॉलिसी दर को में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है.

जेरोम पॉवेल ने कहा कि मौजूदा महंगाई दर पर टैरिफ के प्रभाव का आकलन करना मुश्किल है. हालांकि, अब तक के सर्वे से पता चलता है कि टैरिफ महंगाई दर के अनुमान को बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि टैरिफ की वजह से ही मुद्रास्फीति में वृद्धि शुरू हुई है. उन्होंने कहा कि महंगाई दर में बढ़ोतरी की शुरुआत हो चुकी है.

पॉवेल का कहना है कि वस्तुओं की मुद्रास्फीति टैरिफ से जुड़ी हो सकती है. उन्होंने कहा कि टैरिफ पहले से ही कीमतों और वस्तुओं की खरीद को बढ़ा रहे हैं. साथ ही हाल ही में मजबूत महंगाई द और टैरिफ के कारण परचेजिंग का पता लगाना मुश्किल है.’बहुत संभव है’ कि यह संबंधित है और ट्रंप प्रशासन के इंपोर्ट टैक्स के एजेंडे से आगे निकलने के लिए लोगों द्वारा सामान खरीदने के कारण हो सकता है.

जीडीपी ग्रोथ में कटौती

यूएस फेड ने 2025 के लिए जीडीपी ग्रोथ के औसत पूर्वानुमान को दिसंबर के 2.1 फीसदी से घटाकर 1.7 फीसदी कर दिया. दर-निर्धारण पैनल ने 2025 के लिए 4.4 फीसदी की बेरोजगारी दर का भी अनुमान लगाया है.

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