ट्रंप को भारत के 10.93 लाख करोड़ का लालच, जानें तेल से कितना बिजनेस चाहता है अमेरिका, क्या पिछड़ेगा रूस
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ऊर्जा साझेदार बनने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, इसे हासिल करने के लिए तेल आपूर्ति को लगभग 6 गुना बढ़ाना होगा. भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता केवल 11.9% है, और देश के कुल बजट का 25.1% हिस्सा तेल आयात पर खर्च होता है. वर्तमान में, रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है, जबकि अमेरिका की हिस्सेदारी 5.2 बिलियन डॉलर तक सीमित है.

Crude Oil Imports: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ तौर पर कह दिया है वह भारत को सबसे ज्यादा एनर्जी सप्लाई करना चाहते हैं. साफ है कि उनकी भारत के करीब 11 लाख करोड़ रुपये के ऑयल बाजार पर नजर है. और अगर उन्हें भारत का सबसे बड़ा पार्टनर बनना है तो रूस को पिछड़ना होगा. और यदि ऐसा होता है तो अमेरिका भारत को 45 अरब डॉलर से ज्यादा का कच्चा तेल बेचेगा. जो कि कोई मामूली रकम नहीं है. यह करीब 3.8 लाख करोड़ रुपये की रकम होगी. अभी अमेरिका भारत को करीब 5.2 बिलियन डॉलर यानी 45000 करोड़ रुपये है. जो बेहद ट्रंप के टारगेट से बेहद कम है . अब देखना है कि भारत अमेरिका और रूस के बीच कैसे संतुलन बनाता है. क्योंकि रूस भी भारत के लिए अमेरिका से कम नही है.
पेट्रोल-डीजल कितना खपत करता है भारत
पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (PPAC) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान भारत की कुल पेट्रोलियम उत्पाद खपत 3.4 फीसदी से बढ़कर 178.5 मिलियन टन हो गई, इसमें से केवल 21.2 मिलियन टन घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल से आया, जिससे आत्मनिर्भरता का स्तर मात्र 11.9 फीसदी रहा. वहीं, वित्त वर्ष 2024 के दौरान देश का कुल तेल निर्यात 127.73 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा.
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कुल खर्च का 25% तेल पर खर्च
राष्ट्रपति ट्रंप भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बनने की इच्छा यूं ही नहीं जता रहे हैं. यदि अमेरिका भारत को सबसे अधिक तेल सप्लाई करता है, तो वह भारत के बजट का लगभग 20% हिस्से के बराबर है. वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत ने कच्चे तेल के आयात पर लगभग 10.93 लाख करोड़ रुपये खर्च किए. वहीं, यदि बजट 2025 का कुल आकार 50 लाख करोड़ रुपये माना जाए, तो तेल आयात पर खर्च कुल बजट के 25.1% फीसदी राशि के बराबर होगा.
भारत के शीर्ष 10 तेल आपूर्तिकर्ता (FY 2024)
SEAIR EXIM SOLUTIONS के रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 में भारत ने कुल 127 बिलियन डॉलर मूल्य का कच्चा तेल आयात किया. इसमें सबसे बड़ा हिस्सा रूस से आया, जिसकी आयात लागत 45.4 बिलियन डॉलर रही. इसके बाद इराक से 23.5 बिलियन डॉलर और सऊदी अरब से 8.6 बिलियन डॉलर का तेल आयात किया गया. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से 6.9 बिलियन डॉलर और अमेरिका से 5.2 बिलियन डॉलर का तेल खरीदा गया. अन्य प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में कुवैत (2.7 बिलियन डॉलर), दक्षिण कोरिया (2.6 बिलियन डॉलर), नाइजीरिया (2.5 बिलियन डॉलर), अंगोला (1.83 बिलियन डॉलर) और मैक्सिको शामिल हैं.
नीचे दिया गया टेबल 2024 में भारत के विभिन्न देशों से किए गए तेल आयात को दिखाया गया है:
क्रम | देश | आयात मूल्य (बिलियन डॉलर) |
---|---|---|
1 | रूस (Russia) | 45.4 |
2 | इराक (Iraq) | 23.5 |
3 | सऊदी अरब (Saudi Arabia) | 8.6 |
4 | संयुक्त अरब अमीरात (UAE) | 6.9 |
5 | अमेरिका (United States) | 5.2 |
6 | कुवैत (Kuwait) | 2.7 |
7 | दक्षिण कोरिया (South Korea) | 2.6 |
8 | नाइजीरिया (Nigeria) | 2.5 |
9 | अंगोला (Angola) | 1.83 |
10 | मैक्सिको (Mexico) | 1.83 |
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