Vivo पर 70,000 करोड़ की हेराफेरी का आरोप, ईडी ने दाखिल की चार्जशीट

ईडी ने वीवो चाइना पर 70,000 करोड़ रुपये के हेर-फेर के मामले में चार्जशीट फाइल की है. कंपनी ने स्मार्टफोन्स इंपोर्ट करने की आड़ में इस हेरा फेरी को अंजाम दिया है.

वीवो चाइना के खिलाफ चार्जशीट दाखिल Image Credit: GettyImages

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने वीवो चाइना पर पैसों के हेराफेरी करने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है. ईडी ने कंपनी पर 70,000 करोड़ रुपये के हेर-फेर के मामले में यह चार्जशीट फाइल की है. ईडी ने कहा कि कंपनी देश भर वीवो इंडिया और अपनी 23 राज्य स्तरीय डिस्ट्रीब्यूटर्स की मदद से पूरे डिस्ट्रीब्यूटर सिस्टम को कंट्रोल कर के इतने बड़े घपले को अंजाम दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वीवो कंपनी ने फोन्स को आयात करने की आड़ में इस हेराफेरी की घटना को अंजाम दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट्रल एजेंसी ने बताया कि वीवो मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड ने 2014 से हांगकांग, समोआ और ब्रिटिश आइलैंड्स में मौजूद संस्थाओं से इंपोर्ट के नाम पर भारत से करीब 70,837 करोड़ रुपये भेजे हैं.

एजेंसी का आरोप है कि इन संस्थाओं पर वीवो चाइना का नियंत्रण था और इंपोर्ट से प्राप्त आय करीब 20,241 करोड़ रुपये थी. ईडी ने आगे आरोप लगाया कि वीवो चाइना ने कागजों पर खुद को अलग करके वीवो इंडिया के साथ अपने संबंधों को छिपाने की कोशिश भी की. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया गया है कि पैसा जहां कहीं भी गया. उन सब को वीवो चाइना ने मैनेज किया है.

वीवो चाइना ने वीवो इंडिया किया कंट्रोल- ईडी

ईडी ने आरोप लगाया है कि इस पूरे हेर फेर में वीवो इंडिया को बस एक मोहरे की तरह इस्तेमाल किया गया है. इस पूरी हेरा फेरी को वीवो चाइना की ओर से कंट्रोल किया गया है. जांच एजेंसी ने कहा कि वीवो चाइना ने दूसरे देशों में स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) स्थापित किए. इनमें अन्य कंपनियों के माध्यम से उसकी हिस्सेदारी थी. वीवो मोबाइल इंडिया को हांगकांग में मल्टी एकॉर्ड लिमिटेड की सहायक कंपनी के तौर पर रजिस्टर किया गया था. वीवो चाइना लकी क्रेस्ट में एक हिस्सेदार थी जो हांगकांग में रजिस्टर एक कंपनी थी. ईडी ने कहा कि इन्हीं सब जाल को बिछाकर के वीवो चाइना ने वीवो इंडिया को कंट्रोल किया.