कर्ज के जाल में Vodafone-Idea, दो साल में 10,700 करोड़ चुकाया, एक साल में 13,600 करोड़ बढ़ गया
देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी VIL यानी Vodafone Idea Ltd कर्ज के जाल में फंसती जा रही है. VIL ने पिछले दो साल में बैंकों के 10,700 करोड़ रुपये चुकाए हैं. लेकिन, एक साल के भीतर ही कर्ज में 13,600 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो गई है.

VIL लगातार कर्ज के संकट में फंसती जा रही है. पिछले एक साल में कंपनी के कुल कर्ज में 7 फीसदी के करीब बढ़ोतरी हुई है. इसकी जानकारी कंपनी ने खुद देते हुए बुधवार 9 अप्रैल को बताया कि वैधानिक देनदारियों में वृद्धि के कारण दिसंबर 2024 तिमाही में कंपनी के कुल कर्ज में 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यह अब बढ़कर 2.17 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इससे पहले, दिसंबर 2023 तिमाही के आखिर में कंपनी का कुल कर्ज 2.03 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह कुल कर्ज में 13,600 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है.
VIL पर किसका कितना कर्ज?
कंपनी की तरफ से दिए गए एक इन्वेस्टर प्रेजेंटेशन में बताया कि 2.17 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में सरकार की 2,14,700 करोड़ रुपये की उधारी है. जबकि, बैंकों और वित्तीय संस्थानों का 2,300 करोड़ रुपये का कर्ज शामिल है.
बैंकों का कर्ज चुकाया
VIL ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि कंपनी ने पिछले दो साल के भीतर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कर्ज को काफी कम किया है. इस दौरान कंपनी ने बैंकों के 10,700 करोड़ रुपये चुकाए हैं.
इक्विटी एजडस्टमेंट से मिलेगी राहत
VIL का कहना है कि कंपनी की तरफ से जारी कर्ज का स्टेटमेंट सरकार की तरफ से 36,950 करोड़ रुपये के बकाये को वीआईएल की इक्विटी में बदले जाने की स्थिति से पहले की है. इस बदलाव के बाद कंपनी में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 22.6 प्रतिशत से बढ़कर 48.99 प्रतिशत हो गई है. 36,950 करोड़ रुपये के कर्ज में वित्त वर्ष 2026 से वित्त वर्ष 2028 के दौरान देय स्पेक्ट्रम बकाया शामिल है. वीआईएल ने मंगलवार को सरकार को इस बकाया रकम के बदले शेयरों का आवंटन पूरा कर लिया है.
कंपनी में अब किसकी कितनी हिस्सेदारी
सरकार की तरफ से बकाया राशि को इक्विटी में बदले के बाद VIL में कंपनी के प्रमोटर वोडाफोन ग्रुप की हिस्सेदारी 16.07 फीसदी रह गया है है. इसके अलावा आदित्य बिड़ला समूह के पास 9.5 फीसदी हिस्सेदारी है. इससे पहले, सरकार ने फरवरी 2023 में एजीआर और स्पेक्ट्रम किस्तों को नहीं चुकाने पर 16,130 करोड़ रुपये की रकम को इक्विटी में बदला था.
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