Waaree Energies: कौन है वारी एनर्जीज का मालिक, जिसने ₹5000 के उधार से बना दी 11,000 करोड़ की कंपनी

Waaree Energies को आज के समय में कौन नहीं जानता है. हुंडई जैसे बड़ी कंपनी के आईपीओ ने जो नहीं किया वो वारी एनर्जीज के आईपीओ ने कर दिखाया है. लेकिन क्या आपको इस कंपनी की कहानी पता है?

Waaree Energy के शेयर में तेजी संभावना बन गई है Image Credit: @GettyImages

वारी एनर्जीज. इस नाम के साथ हर वो आदमी परिचित होगा जिसे मार्केट, बिजनेस जैसे क्षेत्र में थोड़ी भी दिलचस्पी होगी. कंपनी की शुरुआत आधिकारिक तौर पर 1989 में हुई थी. कंपनी के चेयरमैन हितेश दोशी ने 1989 में कंपनी को रजिस्टर किया था लेकिन उसकी कहानी 1985 में ही शुरू हो गई थी.

कौन हैं हितेश दोशी?

हितेश दोशी का जन्म और पालन पोषण महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के छोटे से गांव में हुआ था. उसी गांव में दोशी के पिता के नाम पर किराने की एक छोटी दुकान थी जिसकी कमाई पर पूरा घर निर्भर करता था. सीमित सुविधाओं वाले गांव से आने वाले हितेश की शुरुआती जीवन काफी मुश्किलों में बीती थी. उनके गांव में एक स्कूल था जहां पर कक्षा 7 तक की पढ़ाई होती थी. उसके आगे की पढ़ाई करने के लिए दोशी को साइकिल से दूसरे गांव जाना पड़ता था. परेशानियों से इतर, दोशी अपनी मुश्किलों से डरते नहीं थे बल्कि उससे निकलने के लिए नए-नए विकल्पों को तलाशते रहते थे. परिवार की आर्थिक तंगी के बीच उन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ कभी समझौता नहीं किया. 1987 में दोशी ने मुंबई विश्वविद्यालय के श्री चिनॉय कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से वाणिज्य में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की.

उधार से हुई बिजनेस की शुरुआत

ग्रेजुएशन खत्म होने से कुछ साल पहले अपने पिता के वित्तीय बोझ को कम करने के उद्देश्य से उन्होंने मुंबई में पढ़ाई के दौरान बिजनेस की दुनिया में कदम रखा. उन्होंने अपने एक रिश्तेदार से 5,000 रुपये उधार लिए और अपने जीवन का पहला बिजनेस शुरू किया. पढ़ाई और बिजनेस, दोनों को साथ में लेकर चलना मुश्किल हो रहा था लेकिन दोशी ने कमान संभाली रही. धीरे-धीरे बिजनेस बढ़ने लगा, दोशी ने 1,000 रुपये प्रति माह के प्रॉफिट के साथ अपने कॉलेज की फीस और रहने के खर्चे की जिम्मेदारी लेनी शुरू कर दी.

ऑफिस के लिए किराये पर लिया स्पेस 

साल था 1989, दोशी ने आधिकारिक तौर पर अपनी कंपनी वारी इंस्ट्रूमेंट्स को रजिस्टर किया. कंपनी ने शुरुआती समय में मापने वाले इंट्रूमेंट्स की उत्पादन शुरू की. सीमित संसाधनों के बावजूद, दोशी ने थर्मामीटर के निर्माण को बढ़ाने का फैसला किया. फिर आता है साल 1992, दोशी ने अंधेरी में 300 वर्ग फुट का स्पेस ऑफिस के लिए किराए पर लिया. 1.5 लाख रुपये के बैंक लोन के साथ दोशी ने स्थानीय स्तर पर लेथ मशीनों की खरीद में निवेश किया और काम करने के लिए एक छोटी सी टीम को रखा. थर्मामीटर पर कंपनी ने शुरुआती समय में काफी ध्यान दिया. बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में वारी ग्रुप ने अपने उत्पादों के रेंज में विस्तार किया है. प्रेशर गेज, सौर ऊर्जा, एलईडी लाइटिंग फिक्स्चर और कई दूसरे कार्यों में अपना हाथ आजमाया.

सौर ऊर्जा में हुई एंट्री

फिर आता है साल 2007, कंपनी ने सूरत में एक इकाई के साथ 30 मेगावाट सौर मॉड्यूल के साथ सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करना शुरू किया. कंपनी ने इसकी शुरुआत मुख्य रूप से यूरोपीय बाजार के लिया था क्योंकि उनके अनुसार भारतीय बाजार अभी इसके लिए तैयार नहीं था. उसके बाद वारी ग्रुप ने बिजनेस को बेहतर करने को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं उनमें से एक कदम 2011 में कंपनी के विनिर्माण इकाई को स्विट्जरलैंड स्थित बाउमर ग्रुप को बेचना भी था. कंपनी का उद्देश्य था कि बेचने के बाद मिले अच्छे रकम का इस्तेमाल सौर बिजनेस को बेहतर करने की दिशा में किया जा सकता है.

वन-स्टॉप सोलर सॉल्यूशन

जून 2023 तक वारी, भारत का सबसे बड़ा सोलर मॉड्यूल बनाने वाली कंपनी बन गया जिसके पास 12 GW की क्षमता है. आज की तारीख में कंपनी सोलर मॉड्यूल, इनवर्टर, बैटरियां और सोलर रूफटॉप सहित वन-स्टॉप सोलर सॉल्यूशन प्रदान करती है. मौजूदा समय में वारी एनर्जीज के भारत में चार मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं साथ ही कंपनी 388 से ज्यादा राष्ट्रीय और 68 अंतरराष्ट्रीय जगहों पर मौजूद है.

चर्चा में क्यों है कंपनी

वारी एनर्जीज को लेकर हाल में काफी बातें हुई थी. कंपनी ने 21 अक्टूबर को अपना आईपीओ लॉन्च किया था. उससे पहले से ही ग्रे मार्केट में हंगामा मचा हुआ है. 16 अक्टूबर को ग्रे मार्केट में प्राइस (जीएमपी) 102 फीसदी रहा था. कंपनी ने आईपीओ के जरिये निवेशकों से कुल 4,321 करोड़ रुपये मांगे थे लेकिन निवेशकों ने वारी पर दिल वारी करते हुए 2.41 लाख करोड़ रुपये की बोली लगा दी. क्यूआईबी के जरिये कंपनी को सबसे ज्यादा बोलियां मिली. रिजर्व कोटे के तहत क्यूआईबी के जरिये कंपनी को 877 करोड़ रुपये जुटाने थे लेकिन वारी को क्यूआईबी से 215 गुना बोलियां मिल गई. कंपनी के आईपीओ को कुल 79.44 गुना सब्सक्राइब किया गया है. आईपीओ के बाद 28 अक्टूबर को कंपनी मार्केट में लिस्ट होने वाली है. मार्केट के जानकारों से लेकर निवेशकों को वारी एनर्जीज से काफी उम्मीदें हैं.