कर्मचारियों को मालामाल करने वाली Razorpay का क्या है काम, जिससे मालिकों ने कमा लिए 8700 करोड़
Paytm, MobiKwik और Amazon Pay की तरह पेमेंट गेटवे का काम करने वाली Razorpay जल्द ही अपने कर्मचारियों को एक लाख रुपये मूल्य के ई-सॉप यानी ESOPs देगी. तो आखिर क्या है कंपनी की प्लानिंग और कैस हुई थी इसकी शुरुआत यहां जानें पूरी डिटेल.
फिनटेक यूनिकॉर्न रेजरपे (Razorpay) ने हाल ही में ऐलान किया कि वह कंपनी के एक दशक यानी 10 साल पूरे होने के मौके पर सभी मौजूदा कर्मचारियों को एक लाख रुपये मूल्य के ई-सॉप यानी ESOPs देगी. इसमें कंपनी के कर्मचारियों को शेयर दिए जाएंगे, जिन्हें वह तय अवधि के बाद भुना सकेंगे. नए साल से पहले कर्मचारियों को दिए गए इस तोहफे से कंपनी चर्चाओं में है. बेंगलूरु की यह कंपनी जल्द ही अपना आईपीओ लाने की तैयारी में भी है. तो क्या है कंपनी की आगे की प्लानिंग, कौन है इसका मालिक और कैसे 10 बरसों में इस कंपनी ने हासिल किया ये मुकाम, आइए जानते हैं.
कब शुरू हुई थी कंपनी?
Razorpay की शुरुआत साल 2014 में हुई थी. यह एक पेमेंट गेटवे है जो विभिन्न ऑनलाइन भुगतान विधियों को सरल बनाने में मदद करता है. यह Paytm, MobiKwik और Amazon Pay की तरह काम करता है. स्थापना के तीन साल बाद रेजरपे ने 2017 में खुद को Razorpay 2.0 के रूप में रीब्रांड किया था, जो एक कन्वर्ज्ड पेमेंट्स सॉल्यूशन कंपनी है. यह व्यवसायों को उनके वित्तीय सिस्टम में पैसे के फ्लो की चिंताओं को दूर कर इसे मैनेज करने में मदद करता है.
कितनी कंपनियों को दी जाती है सर्विस?
कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार वह देश में 100 में से 80 यूनिकॉर्न कंपनियों के लिए भुगतान प्रोसेस करती है. फिलहाल कंपनी की सालाना कुल भुगतान मात्रा (TVP) 180 अरब डॉलर है. रेजरपे अपनी स्थापना के बाद से ही तेजी से विकास कर रहा है. पिछले छह वर्षों में Razorpay ने फेसबुक, एयरटेल, बुकमायशो, ओला, जोमैटो, स्विगी, क्रेड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल सहित 5 मिलियन से ज्यादा व्यवसायों के लिए पेमेंट गेटवे का काम करती है.
कौन है कंपनी का फाउंडर?
रेजरपे के सह-संस्थापक हर्षिल माथुर और शशांक कुमार ने मिलकर कंपनी की शुरुआत की थी. उन्होंने आईआईटी रुड़की से पढ़ाई की है. रेजरपे शुरू करने से पहले शशांक ने माइक्रोसॉफ्ट यूएस में एक सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में भी काम किया है. हुरुन रिच लिस्ट 2024 के अनुसार, दोनों की संयुक्त संपत्ति लगभग ₹8,700 करोड़ है, जबकि वाई कॉम्बिनेटर की ओर से उनकी कुल संपत्ति $1.03 बिलियन आंकी गई है.
कौन है कंपनी के इंवेस्टर?
Razorpay का दावा है कि वह प्रतिष्ठित वाई कॉम्बिनेटर (वाईसी) कार्यक्रम के लिए चुनी गई भारत-केंद्रित दो कंपनियों में से एक है. कंपनी से करीब 33 दिग्गज निवेशक जुड़े हुए हैं, जिनमें जीआईसी, रिबिट कैपिटल, सिकोइया कैपिटल इंडिया, टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, वाई कॉम्बिनेटर, मैट्रिक्स पार्टनर्स और मास्टरकार्ड शामिल है.
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कितनी है कंपनी की वैल्युएशन?
रेजरपे देश की सबसे बड़ी फुल-स्टैक फिनटेक कंपनियों में से एक के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की योजना बना रही है. मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक रेजरपे ने वित्त वर्ष 2024 में रेवेन्यू में 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिससे यह बढ़कर 2,068 करोड़ रुपये हो गया है. पिछले वित्त वर्ष में इसकी कुल आय 2,501 करोड़ रुपये को पार कर गई थी. हुरुन लिस्ट 2024 के मुताबिक रेजरपे की इक्विटी वैल्यू 62,400 करोड़ रुपये है.