हर कॉल पर दिखेगा कॉलर का नाम, क्या है CNAP सर्विस; जल्द लागू करवाने की तैयारी में TRAI

CNAP सर्विस को लागू करने का उद्देश्य ग्राहकों को स्पैम और फ्रॉड कॉल्स से बचाना है. लेकिन यह अब तक लागू नहीं हो पाया है. ऐसे में टेलीकॉम विभाग ने इसे जल्द लागू करने की बात कही है. यहां जानते हैं इसे जल्द लागू करने में क्या समस्या आ रही है.

Trai ने कहा था CNAP सर्विस को टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए अनिवार्य किया जाए Image Credit: Tv9

CNAP Service: फ्रॉड या स्पैम कॉल्स को रोकने के लिए टेलीकॉम विभाग लंबे समय से कई प्रयास कर रहा है, इसमें एक प्रयास कॉल करने वाले का नाम मोबाइल स्क्रीन पर दिखने को लेकर है. इससे कॉल करने वाले का नाम डिसप्ले होगा. हालांकि यह अब तक लागू नहीं हुआ है. अब टेलीकॉम विभाग यानी DoT ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स से कहा है कि वे Calling Name Presentation (CNAP) सर्विस को जल्द से जल्द मोबाइल फोन्स पर लागू करें. इस सर्विस के तहत इनकमिंग कॉल्स के लिए कॉल करने वाले का नाम दिखाना जरूरी हो जाएगा.

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ हुई बैठक में, DoT ने इस सर्विस को लागू करने में देरी न करने की बात कही है. अधिकारियों ने बताया कि इस मीटिंग में टेलीकॉम कंपनियों ने कहा कि CNAP टेक्नोलॉजी का ट्रायल चल रहा है, और जैसे ही यह तकनीक स्थिर होगी, वे इसे लागू कर देंगे. हालांकि, ये सर्विस 2G यूजर्स को नहीं मिल पाएगी क्योंकि वह टेक्नोलॉजी इसे सपोर्ट नहीं करती.  

क्या है CNAP सर्विस?

इस सर्विस से ही कॉल करने वाले का नाम मोबाइल पर दिखेगा. इससे खास तौर पर स्पैम और फ्रॉड कॉल्स को रोका जा सकेगा. कॉल रिसीवर यह जान पाएगा कि कौन कॉल कर रहा है, जिससे अनजान या धोखाधड़ी वाली कॉल्स से बचा जा सके. लेकिन 2G नेटवर्क पर ये संभव नहीं हो पाएगा.

TRAI का क्या सुझाव है?

फरवरी 2023 में, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने सरकार से कहा था कि CNAP सर्विस को टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए अनिवार्य किया जाए. साथ ही, हैंडसेट मैन्युफैक्चरर्स से इस फीचर को छह महीने के अंदर सक्षम करने के लिए कहा जाए, ताकि ग्राहकों को अनजान और स्पैम कॉल्स से होने वाली परेशानियों से बचाया जा सके.  

रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों ने बताया कि CNAP सर्विस को एक ही टेलीकॉम सर्कल के अंदर लागू करने में सफलता मिली है. हालांकि, इंट्रा-सर्कल कॉल्स (जहां कॉल एक सर्कल से शुरू होकर दूसरे सर्कल में खत्म होती है) के लिए ट्रायल अभी जारी हैं. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि CNAP को लागू करने में जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि पहले से ही कई मोबाइल ऐप्स इस तरह की सुविधा देते हैं.  

क्या इससे होगा निजता का उल्लंघन?

ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीकॉम इंडस्ट्री के कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि CNAP को राष्ट्रीय स्तर पर अनिवार्य करने से ग्राहकों की गोपनीयता प्रभावित हो सकती है. कुछ लोग अपने नाम दूसरों के साथ साझा करने में असहज हो सकते हैं.  

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इंटरनेशनल फ्रॉड कॉल्स रोकने की कोशिश

DoT ने टेलीकॉम कंपनियों से यह भी कहा है कि +91 के अलावा आने वाली कॉल्स को अंतरराष्ट्रीय कॉल्स के रूप में चिह्नित किया जाए. यह कदम अंतरराष्ट्रीय फ्रॉड कॉल्स को रोकने के लिए उठाया गया है, क्योंकि हाल के दिनों में ऐसी कॉल्स की संख्या बढ़ गई है.